एक ही ग्राम में किसानों को अलग-अलग मिल रही बीमा राशि के लिए किसान उपभोक्ता फोरम में लगा सकते है आवेदन

एक ही ग्राम में किसानों को अलग-अलग मिल रही बीमा राशि के लिए किसान उपभोक्ता फोरम में लगा सकते है आवेदन

मामले के विशेषज्ञ वरिष्ठ अधिवक्ता ने दी जानकारी…

AVvXsEgbycryj6BJ1bsg9KexBeRZwJY3Nb6 Ll8bwQlu9t facnvZzTx3dHAXBg2P4ZF7M L2pxPJ0Ntk zBLvvBnXcb7RmhrZbHI4jZHotqWMjnMZsM5ofUTNg LkMmj1sqH5Jq32B0kTN00B6 HPORCfJ6


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश में पटवारी हल्का को बीमा इकाई माना गया है। इस योजना के अनुसार एक पटवारी हल्का के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के सभी किसानों को फसल बीमा राशि एक समान ही मिलती है। बीमा कंपनी या बैंक इसे कम या ज्यादा नहीं कर सकती। यदि ऐसा करते हैं तो इसकी भरपाई बैंक या बीमा कंपनी को करना होती है। यदि बैंक ने किसी ऋणी किसान का जो कि नियमित खातेदार है उसकह प्रीमियम राशि नहीं काटी है तो यह बैंक की गलती है। ऐसे किसानों को बैंक द्वारा बीमा राशि का भुगतान करना होगा। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि खरीफ फसल 2020 सोयाबीन की फसल बीमा राशि के भुगतान में एक ही गांव के किसानों को अलग-अलग बीमा राशि मिलने की शिकायत प्राप्त हो रही है। जो बैंकों की गलती है। क्योंकि बैंकों द्वारा किसानों के राजस्व दस्तावेजों की जानकारी बीमा कंपनी को सही-सही नहीं दी जाती है। रकबा व हल्का नंबर बदल दिए जाने से किसान पूरी बीमा राशि पाने से वंचित रह जाते हैं। एक ही पटवारी हल्का के किसानों को कम ज्यादा बीमा राशि मिली है। बैंक के द्वारा कई ऐसे किसान जो नियमित है उनकी बीमा प्रीमियम राशि बैंकों द्वारा समय पर आहरित कर बीमा कंपनी को नहीं भेजी गई। ऐसे किसान भी बीमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। बैंकों को उनकी बीमा राशि का भुगतान करना होगा। ऐसे किसानों सीधे उपभोक्ता आयोग में आवेदन देना चाहिए।

Scroll to Top