सैकड़ों बिजली अफसरों के वेतन रोके, काम के बहिष्कार की चेतावनी
बिजली चोरी, अनियमितता के कारण
लोकमतचक्र.कॉम।
भोपाल : मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अभियंताओं को कमजोर परफॉर्मेंस के चलते मई माह का वेतन अब तक नहीं दिया गया है। जिन अफसरों का वेतन रोका गया है उन्हें बिजली चोरी, रिकवरी में कमजोरी के अलावा अन्य कारणों का हवाला देकर नोटिस थमाये गए हैं। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ ने कंपनी के इस फैसले पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर 48 घंटे में वेतन भुगतान नहीं किया गया और अलग-अलग परिपत्रों के जरिए दिए गए नोटिस वापस नहीं लिए गए तो अभियंता संघ कार्य का बहिष्कार करने पर मजबूर होगा। इसको लेकर कंपनी के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा गया है।
संघ के महासचिव इंजीनियर वीकेएस परिहार की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि मप्र विद्युत मंडल अभियंता संघ प्रदेश के सहायक अभियंता से कार्यपालक निदेशक स्तर के विद्युत अभियंताओं का प्रतिनिधि संगठन है जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को सतत गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराकर बेहतर सेवायें देने का काम कर रहा है। अभियंता संघ के संज्ञान लाया गया है कि कंपनी क्षेत्रान्तर्गत सैकड़ों अभियंताओं का वेतन आज दिनांक तक आहरित नहीं हुआ है और इस संबंध में किसी भी सदस्य को नियमानुसार कोई भी सूचना नहीं दी गई है अथवा कारण नहीं बताया गया है । इस संबंध मे स्थानीय अधिकारियों ( मुख्य महाप्रबंधक / महाप्रबंधक ) से ज्ञात हुआ कि कंपनी द्वारा बिजली चोरी/ अनियमितता के प्रकरणों के लक्ष्य की पूर्ति न होने पर वेतन रोका गया है। इस संबंध में कंपनी द्वारा हाल ही मे परिपत्र के माध्यम से स्थाई अनुदेश भी जारी किया गये हैं।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार स्थाई अनुदेश के माध्यम से सामूहिक रूप से वेतन का रोका जाना अवैधानिक एवं प्रचलित सिविल सेवा नियमों के विपरीत है जबकि प्रत्येक प्रकरण के नियमानुसार तय प्रक्रिया का पालन कर निर्णय लिया जाना आवश्यक है जो कि नहीं किया गया है।
पत्र के माध्यम से संघ ने प्रबन्ध निदेशक से अनुरोध किया है कि रोका गया वेतन अविलम्ब 48 घंटे के भीतर जारी कराया जाए और इस प्रकार के अवैधानिक परिपत्रों को वापिस लिया जाए उन पर रोक लगाई जाये। ऐसा नहीं हुआ तो संघ सदस्यों द्वारा कार्य बहिष्कार किया जाने पर इसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन पर होगी।