भ्रष्ट सरपंच को 5 साल की कठोर कैद, 25 हजार का जुर्माना

भ्रष्ट सरपंच (Corrupt Sarpanch) को 5 साल की कठोर कैद, 25 हजार का जुर्माना

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

छतरपुर : 7 साल पुराने मामले में न्यायालय ने भ्रष्टाचारी सरपंच को को पांच साल की कठोर सजा सुनाई है। मध्यान्ह भोजन का भुगतान करने के एवज में सरपंच ने रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त पुलिस ने सरपंच को रंगे हाथो पकड़ा था। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी सरपंच को पांच साल की कठोर कैद के साथ 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। फैसला सुनाने के बाद कोर्ट ने भ्रष्ट सरपंच को जेल भेज दिया है।

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एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि फरियादी विनोद कुमार पटेल ने 4 अगस्त 2016 को लोकायुक्त पुलिस सागर को इस आशय की शिकायत की थी कि वह माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शाला बनगांय में गणेश जू महिला स्वसहायता ‘जू’ समूह के नाम से मध्यान्ह भोजन चलाता है। जिसका एक लाख 23 हजार 470 रुपए का भुगतान करने के लिए जिला पंचायत सीईओ द्वारा सरपंच सचिव को आदेश दिया गया था। इस राशि के भुगतान करने के एवज में मलखान पटेल सरपंच बनगांय के द्वारा 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी जा रही है। फरियादी उसे रंगे हाथो पकड़वाना चाहता है। 

5 अगस्त को लोकायुक्त पुलिस ने विनोद को वार्डस रिकॉर्डर देकर सरपंच की रिश्वत संबंधी बातो को रिकार्ड कराया और इसी बातचीत के दौरान सरपंच मलखान ने 16 हजार रुपए रिश्वत मांगी, जिसमें से 6 हजार रुपए विनोद ने सरपंच को दे दिये और बांकि 10 हजार रुपए 8 अगस्त 2016 को देने की बात हुई। 8 अगस्त को ट्रेपदल के साथ विनोद पटेल जनपद पंचायत कार्यालय छतरपुर पाहुँचा और विनोद ने रिश्वत की राशि 10 हजार रुपए मलखान को देने के बाद ट्रेप दल को इशारा किया। ट्रेप दल ने कार्यालय के अंदर आकर सरपंच मलखान को रंगे हाथो पकड़ा। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एडीपीओ केके गौतम ने पैरवी करते हुए दलील रखी कि भ्रष्टाचार एक गंभीर बीमारी की तरह है। जिसकी जड़े तेजी से फैल रही है। यदि समय रहते इसे नही रोका गया तो यह पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगा। जिसके लिए आरोपी को कठोर से कठोर सजा दी जाए। ताकि भ्रष्टाचार करने वालो में डर पैदा हो। विशेष न्यायाधीश सुधांशु सिंहा की कोर्ट ने फैसला सुनाया कि लोक सेवको द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या हो गई है जो समाज को खोखला कर रही है। भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नव को हिला रहा है। ऐसे आरोपियो को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है। कोर्ट ने आरोपी सरपंच मलखान पटेल को भ्रष्टचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराकर पांच साल की कठोर कैद के साथ 25 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।

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