जबलपुर । कार्यालय जिला आयुष अधिकारी, जबलपुर द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 6 आयुर्वेदिक औषधियों के क्रय, विक्रय और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये औषधियाँ राज्य स्तरीय आयुर्वेद औषधि प्रयोगशाला, ग्वालियर की जाँच में अमानक पायी गई हैं। संचालनालय आयुष भोपाल के निर्देशन में यह कार्यवाही की गई है। ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के नियम 33ईई के तहत इन औषधियों को मानव उपयोग के लिए असुरक्षित माना गया है।
जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुलोचना सिंह चौहान ने जानकारी दी है कि प्रतिबंधित औषधियों में शर्मायु जैनयुन आयुर्वेद, दतिया (मप्र) द्वारा निर्मित गिलोय सत्व और कामदुधा रस शामिल हैं। इसके अलावा, श्री धनवंतरी हर्बलला, सोलन (एचपी) द्वारा निर्मित प्रवाल पिष्टी और मुक्ता शुक्ति पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। डाबर इंडिया लि,साहिबाबाद (उप्र) द्वारा निर्मित कफ कुठार रस और लक्ष्मी विलास रस भी अमानक पाए गए हैं। साथ ही इनके क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है।











