मध्यप्रदेश के बड़वाह में नर्मदा पंचकोसी यात्रा के तीसरे दिन हरदा जिले के एक 60 वर्षीय श्रद्धालु का निधन हो गया । श्रद्धालु का नाम महेश पिता बद्रीप्रसाद काशिव बताया गया है। वे सामरधा (तहसील टिमरनी) निवासी थे और 1 नवंबर से शुरू हुई पंचकोसी यात्रा में सिराली गांव के 22 सदस्यीय दल के साथ शामिल हुए थे। रविवार रात को दल ने बेलसर स्थित प्राचीन विमलेश्वर मंदिर के समीप विश्राम किया था। सोमवार सुबह नर्मदा स्नान के बाद महेश बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल बड़वाह सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
साथी पंचकोसी यात्रियों ने महेश की मृत्यु का कारण हृदयाघात बताया है। हालांकि, मृत्यु का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। परिजनों को उनके निधन की सूचना दे दी गई है, और उनके बड़वाह पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
महेश को एक दिन पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्या महसूस हो रही थी। यही कारण था कि वे 1 नवंबर को ओंकारेश्वर से पैदल चले, लेकिन दूसरे दिन सनावद से उन्होंने दल के पिकअप वाहन में बैठकर यात्रा पूरी करने की बात कही थी। पिकअप चालक निलेश नामदेव ने बताया कि महेश को पहले से शुगर की समस्या थी।
आज सुबह करीब 11 बजे सास-बहू की बावड़ी से स्नान के बाद कपड़े पहनकर जैसे ही वे घाट से ऊपर जाने लगे, उन्होंने तेज चक्कर आने की शिकायत की और जमीन पर बैठ गए। इसके बाद वे बेहोश हो गए। उन्हें पहले बेलसर से बड़वाह कृषि उपज मंडी लाया गया, जहाँ से डॉक्टर ने 108 एम्बुलेंस द्वारा सिविल अस्पताल बड़वाह भेजा।
साथी पंचकोसी यात्री दिनेश पिता शंकरलाल निवासी सिराली ने बताया कि महेश उनके गांव से करीब 35 किमी दूर सामरधा में रहते थे। उनकी बेटी का विवाह सिराली गांव में हुआ था। पूर्व परिचय के कारण ही महेश पहली बार इस ग्रुप के साथ ओंकारेश्वर क्षेत्र की नर्मदा पंचकोसी यात्रा में शामिल हुए थे। वे अपने गांव में पंडिताई का कार्य करते थे। उनके परिवार में दो बेटियां और दो बेटे हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।













