मध्यप्रदेश में कर्मचारी अधिकारीयों पर प्रशासन का दबाव इस कदर हावी है कि न्यायालय के आदेश का पालन करवाओं तो मुश्किल ना करवाओं तो परेशानी । ऐसे ही एक मामले में कोर्ट के आदेश पर कब्जा दिलाने गये तहसीलदार पर किसान से अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगने ओर आधा अधूरा विडियो वायरल होने पर संबंधित तहसीलदार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है ।रीवा संभाग के मऊगंज तहसील के प्रभारी तहसीलदार वीरेंद्र कुमार पटेल को आमजन से अभद्र व्यवहार एवं अशिष्ट भाषा का प्रयोग करने पर रीवा संभाग आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रभारी तहसीलदार के द्वारा किए गए कृत्य पर मऊगंज जिले के कलेक्टर द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर रीवा संभाग आयुक्त श्री बी एस जामोद ने निलंबन की कार्यवाही की है।
मऊगंज में हुआ जहां तहसीलदार ने एक किसान की कॉलर पकड़ ली। एक अन्य किसान ने उनपर गाली बकने का भी आरोप लगाया। तहसीलदार वीरेंद्र पटेल को ये हरकत भारी पड़ गई। सीएम मोहन यादव के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। तहसीलदार पर रीवा के कमिश्नर बीएस जामोद ने ये कार्रवाई की है। घटना गनिगामा गांव में हुई थी जहां दो परिवारों के बीच जमीन का विवाद चल रहा है। यहां तहसीलदार वीरेंद्र पटेल ने किसान की कॉलर पकड़ी और झूमाझटकी की। इसका वीडियो भी वायरल हो गया जिसके बाद सीएम मोहन यादव ने एक्शन लेने को कहा था।
देवतालाब के गनिगमा में 25 सितंबर को यह घटना हुई जिसका वीडियो दो दिन बाद सामने आया। इसपर कलेक्टर संजय कुमार ने एडीएम को मामले की जांच सौंपते हुए रविवार तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इस बीच सीएम मोहन यादव के निर्देश पर रीवा के कमिश्नर बीएस जामोद ने तहसीलदार वीरेंद्र पटेल को निलंबित कर दिया।
किसान कौशलेश प्रजापति ने तहसीलदार पर गाली देने का आरोप लगाया था : बताया जा रहा है कि कोर्ट के फैसले पर जीतने वाले पक्षकार को जमीन का कब्जा दिलाने तहसीलदार वीरेंद्र पटेल गनिगमा पहुंचे थे। इसी दौरान विवाद के बीच उन्होंने किसान सुषमेश पांडे की कॉलर पकड़ते हुए कहा- तू है कौन? बकवास मत कर…। एक अन्य किसान कौशलेश प्रजापति ने तहसीलदार पर गाली देने का आरोप लगाया।
कांट-छांट कर विडियो किया वायरल : मामले में तहसीलदार वीरेंद्र पटेल का कहना है न्यायालय के आदेश का पालन करवाने मौका पर गये थे । कब्जेदार पक्ष के किसान अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए अपशब्दों का प्रयोग कर रहे थे जिन्हें समझाया गया था किंतु कब्जेदार पक्ष नै आधा अधूरा विडियो वायरल कर गलत आरोप लगाया है अपना पक्ष वरिष्ठ अधिकारियों के समझ रखेंगे ।










