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मध्यप्रदेश में 5 साल में तीसरी बार बदले पटवारियों के नंबर, किसान नहीं कर पा रहे संपर्क

प्रदेश भर के करीब 26000 पटवारियों के सरकारी मोबाइल नंबर अचानक बंद हो गए। इसके कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। किसान अपने हल्के के पटवारियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें नए सरकारी नंबर अलॉट कर दिए हैं। लेकिन नए नंबर किसानों को पता नहीं हैं। 

जानकारी के अनुसार परेशानी से बचने के लिए पटवारी अपने हल्के के किसानों को सरकारी नंबर देते हैं। निजी नंबर नहीं देते। सरकारी नंबर बंद हो गए हैं। इन दिनों सर्वे, फोती- नामांतरण, जमीन सीमांकन, बंटवारा, पीएम किसान, भावांतर, खाद बीज जैसे कामों के लिए किसान पटवारियों को कॉल करते हैं। सुबह, शाम, देर रात मोबाइल बजने से उनकी व्यक्तिगत दिनचर्या प्रभावित होती है। इसी वजह से सरकारी नंबर ही पटवारी देते हैं। लेकिन अब नया नंबर सार्वजनिक नहीं हो सका है। कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने कहा कि पटवारियों के सरकारी नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे। ग्राम पंचायतों में लिखवाए जाएंगे।

पोर्ट नहीं होगा पुराना नंबर : राजस्व विभाग की टेलीकॉम एक्सपेरिमेंट पॉलिसी के चलते प्रदेश में पिछले करीब पांच साल में तीसरी बार पटवारियों के नंबर बदलाए हैं। सबसे पहले बीएसएनएल की सीयूजी सिम दी थी। बीएसएनएल में पोर्ट की सुविधा थी। कुछ माह बाद बीएसएनएल की सिम बंद कर दी। पटवारियों बीएसएनएल को जियो में पोर्ट कराया। अब जियो की सिम बंद कर दी है। अब नई टेलीकॉम कंपनी की सिम दी है।

 

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