भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 की प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और मतदाता हितैषी बनाने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि एन्यूमरेशन फेज के दौरान किसी भी मतदाता को अनावश्यक कागज़ी प्रक्रिया या दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता न पड़े। इसी उद्देश्य से आयोग ने कुछ नियम अनिवार्य रूप से लागू किए हैं।
उन्होने बताया कि एन्यूमरेशन फेज में किसी भी मतदाता से कोई भी दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण, पहचान पत्र आदि नहीं लिया जाएगा। बीएलओ का कार्य केवल घर-घर जाकर भौतिक उपस्थिति की पुष्टि करना और उपलब्ध जानकारी को फॉर्म में दर्ज करना है।
ईआरओ द्वारा दस्तावेज़ केवल तभी माँगे जाएंगे जब ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद किसी मतदाता की उपलब्ध जानकारी, डिक्लेरेशन या एन्यूमरेशन फार्म या डेटाबेस से मेल न खाती हो। जिन मतदाताओं या उनके माता-पिता का नाम राज्य की अंतिम इन्टेंसिव रिविजन सूची (2003 या उससे पहले) में दर्ज है, ऐसे सभी मतदाताओं को प्रि-वेलिडेट पूर्व-सत्यापित माना गया है। ऐसे मतदाताओं से बीएलओ द्वारा किसी भी प्रकार के प्रमाण-पत्र या दस्तावेज़ की माँग नहीं की जाएगी।
बीएलओ केवल वर्तमान निवास की पुष्टि करेगा। आयोग का उद्देश्य नागरिकों को सरलीकृत, सुगम और भरोसेमंद प्रक्रिया उपलब्ध कराना है, ताकि कोई भी पात्र मतदाता दस्तावेज़ों की कमी, भ्रम या अनावश्यक औपचारिकताओं के कारण मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।













