सामूहिक आत्महत्या : कर्जा, ऋण, लोन एप ने बर्बाद कर दिया एक हस्ते खेलते परिवार को….

सामूहिक आत्महत्या :  कर्जा, ऋण, लोन एप ने बर्बाद कर दिया एक हस्ते खेलते परिवार को….

देर रात ली जिंदगी की आखिरी सेल्फी, फिर कोल्ड ड्रिंक में सल्फास मिला बच्चों को पिलाया…

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लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल : मोबाईल किसी कि जिंदगी ओर एक हस्ते खेलते परिवार को किस तरह बर्बाद कर सकता है इसका एक ताजा मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देखने को मिला। जहां एक हंसते-खेलते परिवार ने मोबाइल से आनलाईन एप से कर्जा लिया फिर ब्याज ओर किश्त के समय पर ना चुका पाने के कारण कम्पनी  द्वारा परेशान करने ओर झूठे अश्लील विडियो वायरल करने से आहत हो कर अपने दो मासूम बच्चों समेत सामूहिक खुदकुशी कर ली। भोपाल का यह परिवार मार्केट में फैले लोन ऐप के जंजाल में फंस गया था। घर के मुखिया ने इस परेशानी से निकलने की काफी कोशिश की, लेकिन जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया। मरने से पहले इस परिवार ने 4 पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसे पढ़कर आप समझ जाएंगे कि लोन ऐप के चंगुल में फंसना कितना दर्दनाक और जानलेवा हो सकता है।

प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को एक दंपति ने अपने दो बच्चों को कथित तौर पर जहर देकर मार डाला और फिर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला है। एसीपी चंद्र प्रकाश पांडे ने बताया कि भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उनके फोन के सभी नंबर पर अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (35) के साथ सुसाइड कर लिया। इससे पहले दो बेटों ऋतुराज (3) और ऋषिराज (8) को सल्फास की गोलियां दी गयीं और उसके बाद पति-पत्नी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं अब इस मामले में भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। और बच्चों को मारने के लिए कोल्ड ड्रिंक (माजा) में सल्फास  दोनों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु ने दो दुपट्टे को आपस में बांधकर फंदा बना फांसी लगाकर जान दे दी। टीटी नगर के सहायक पुलिस आयुक्त चन्द्रशेखर पांडे ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, मृतक व्यक्ति, भूपेन्द्र विश्वकर्मा (38) कर्ज में डूबा हुआ था। शहर के रातीबड़ इलाके में रहने वाले विश्वकर्मा ने सुबह करीब 4 बजे अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सएप संदेश भेजकर अपने इस कदम के बारे में बताया। उन्होंने कहा, रिश्तेदारों ने सुबह करीब छह बजे जागने के बाद संदेश पढ़ा और साढ़े 6 बजे पुलिस को सूचित किया।

लोन एप दबाया और तबाह होने लगी जिंदगी

भूपेंद्र विश्वकर्मा ने सुसाइडल नोट में लिखा है कि उसने एक दिन मोबाइल पर लोन एप दबा दिया था। इसके बाद उन्हें शुरू में अच्छी कमायी हुई थी, लेकिन बाद में उनपर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया। समय ऐसा आ गया था कि उसे कुछ नहीं सूझ रहा था।

लोन चुकाने के लिये बनाया जा रहा था दबाव

सुसाइडल नोट में भूपेंद्र ने आगे लिखा है कि उसे लोन चुकाने के लिये भारी दबाव बनाया जा रहा था। यहां तक कि उसके नंबर के हैक कर लिया गया था और डीपी पर अश्लील तस्वीरों को लगा दिया ग या था। बीमा की जिस कंपनी में वह काम करता था उसके मालिक और रिश्तेदारों तो भूपेंद्र की जानकारी दी जा रही थी। उसे भी ब्लैकमेल किया जा रहा था।

ऑनलाइन काम करने का मिला था ऑफर

भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी मोबाइल पर ऑनलाइन काम करने का एक ऑफर मिला था। ऑफर को स्वीकार करते हुये ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया था। इसमें कम देना था और रुपये ज्यादा मिलते थे। शुरू में तो फायदा नजर आ रहा था, लेकिन बद में दलदल में फसता चला गया। रुपये समाप्त होने के बाद दोबारा लोन ले लिया।

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और क्या लिखा है सुसाइड नोट में

भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखाहै कि मेरा और परिवार का भविष्य नजर नहीं आ रहा है। मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं। मैं परिवार से कैसे मिल पाउंगा, मैं अपने पापा, मम्मी जीजा, प्याही बहनों, प्यारी बेटी से यही कहना चाहता हूं कि सबसे नजरें कैसे मिलायें। मुझे सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि भविष्य में मेरी बेटी की शादी में खलल न पड़ जाये। इसलिए मैं पत्नी और बच्चों को मुसीबत में नहीं छोड़ सकता। सभी को साथ ले जा रहा हूं। मैं एक बार फिर माफी मांगता हूं। कृप्या मेरा परिवार को माफ कर दीजिए. मैं मजबूर हूं।

मगर ये मामला सिर्फ लोन का ही नहीं है बल्कि साइबर फ्रॉड का भी है। साइबर फ्रॉड और लोन के बोझ के तले दबे इस परिवार के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने मौत को गले लगा लेना ही मुनासिब समझा। इन सब में किसी गलती है, उसे कब तक सजा मिलेगी और आगे क्या होगा? ये सवाल कई पुराने मामलों में की तरह खड़े रहेंगे।

पहले भी कई लोग फंस चुके हैं

ये कोई पहला मामला नहीं है जब कर्ज और ऐप्स के जाल में फंसे किसी शख्स ने आत्मह का चुनाव किया हो। कोरोनाकाल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी वजह से गूगल और ऐपल ने अपने ऐप स्टोर से कई ऐप्स को रिमूव भी किया है। मगर टेक कंपनियों की ये कोशिश पूरी नहीं है, इसके लिए आपको सतर्क रहना पड़ेगा।

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