सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र पर आचार्य श्री विद्यासागर जी को दी गई विनयांजलि

सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र पर आचार्य श्री विद्यासागर जी को दी गई विनयांजलि

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लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

नेमावर । जैनाचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के सल्लेखना पूर्वक समाधिकरण होने पर उनके अनुयायियों में शोक की लहर है। डोंगरगढ़ तीर्थक्षेत्र से मिले निर्देशानुसार रविवार को सम्पूर्ण भारत वर्ष में रविवार को विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। आचार्यश्री की प्रेरणा से बन रहे सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र में भी सामूहिक विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें कई वक्ताओं ने अपने शब्दों के माध्यम से आचार्य श्री को भावांजलि दी।

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वक्ताओं ने कहा-गुरुदेव सिर्फ आध्यामिक संत नही थे वरन स्वपर कल्याणक थे। उनके जनहित के प्रकल्प जिसमे हथकरघा के माध्यम से जेल के कैदियो के लिए अहिंसक रोजगार, बालिका शिक्षा के लिए प्रतिभास्थली, गौसेवा एवं संरक्षण के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष में 1000 से अधिक गौशालाएं, इंडिया नही भारत बोलो नारे के माध्यम से स्व के भाव का जागरण, मांस निर्यात को प्रतिबंधित करने का आव्हान जैसे जनहितकारी प्रकल्प खड़े किए, जो उनके चले जाने के बाद भी सर्व समाज को प्रेरणा देते रहेंगे। जैन समाज के अलावा आचार्यश्री के लाखों भक्त इस बात का प्रमाण है कि ‘अहिंसा परमो धर्म’ के सूत्र वाक्य से दुनिया को जीता जा सकता है। वक्ताओं ने कहा संत सिर्फ दुनिया से नहीं जाते, बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों को संदेश, ज्ञान और मार्ग देकर जाते हैं। संत वही, जिसका आचरण समाज के लिए अनुकरणीय हो। जैसा गुरुदेव ने संयम का मार्ग हमें बताया है उस मार्ग पर चलकर हम भी अपने जीवन को धन्य करे। विद्यासागर जैसे महान संत हजारों साधु बना जाते हैं लेकिन हजारों साधु मिलकर भी उनके जैसा महातपस्वी नहीं बना सकते। जीवों के प्रति करुणा, समाज और देश उत्थान के लिए उनके विचार अजर-अमर हैं। गुरुवर के उपकारों का एक अंश भी हम चुका नहीं सकते। उनके जीवन व व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर और उनके आदर्शों पर चलकर ही हम उन्हें सच्ची विनयांजलि दे सकते हैं।

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खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, हरदा विधायक रामकिशोर दोगने, पूर्व विधायक कैलाश कुंडल, नप अध्यक्ष नेमावर गोपाल अग्रवाल, आलोक जैन हरदा, प्रमोद शर्मा नेमावर, राजेन्द्र जैन वास्तुशास्त्री, कमल कासलीवाल, सुरेश काला, सतीष कासलीवाल, लखनलाल चंदेल, रिटायर्ड फौजी सत्यनारायण गुर्जर, हितेश बड़जात्या, राहुल गंगवाल हरदा, साधना कटनेरा हरदा, ज्योत्सना बड़जात्या अजनास, शरद अजमेरा बानापुरा, डॉ. उमेश नीमा डबलचौकी, प्रकाशचंद शास्त्री इंदौर, क्षुल्लक तत्वार्थसागरजी, क्षुल्लक वैराग्यसागरजी, क्षुल्लक अटलसागरजी, क्षुल्लक चिंतनसागरजी, ब्रम्हचारी शैलू भैया सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। संचालन ट्रस्ट के महामंत्री सुरेंद्र जैन हरदा ने किया। अंत में उपस्थित लोगों ने दीपकों के साथ बड़े ही भाव से आचार्यश्री की आरती की, गायन पंकज जैन और भूपेंद्र काला ने किया।

इसके पूर्व चित्र अनावरण ब्रम्हचारी भैयाओं के द्वारा, दीप प्रज्वलन नप अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, नेमावर के पार्षद और ट्रस्ट कमेटी के सदस्यों ने किया। जिसके उपरांत गुरुजी की सामूहिक पूजन की गई। कार्यक्रम में नेमावर, इंदौर, खातेगांव, सतवास, लोहारदा, अजनास, संदलपुर, हरदा, टिमरनी, बानापुरा, सिवनी, मांदला, छीपानेर, पानीगांव, भैसून, कन्नौद सहित आसपास के क्षेत्र के सामाजिक बन्धु, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और गुरुवर के प्रति श्रद्धा रखने वाले कई भक्त शामिल हुए। ट्रस्ट कमेटी की ओर से सभी आगंतुकों को स्मृति स्वरूप आचार्यश्री का चित्र भेंट किया गया।

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