गरीब की मदद के लिए पहुंचे पटवारी, दस हजार की सहायता दी, विधायक ने भी पहुंचाई एक हजार की मदद

नवजात बेटी की इलाज के दौरान हुई मृत्यु, शव घर लाने नहीं थे पैसे….

गरीब की मदद के लिए पहुंचे पटवारी, दस हजार की सहायता दी, विधायक ने भी पहुंचाई एक हजार की मदद

how to check you have received pm garib yojna money in your account 74965971


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

सागर/भोपाल । भोपाल में पत्नी की डिलीवरी के पश्चात समाजसेवी के मदद से बंडा तक पहुंचे बाबूलाल रैकवार की मदद के लिए क्षेत्र के लोग आगे आए हैं। बाबूलाल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वे भोपाल से बंडा तक आने के लिए परेशान हो रहे थे। इसको लेकर अखबार में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने पर समाजसेवी मनीष सोनी ने बाबूलाल को बंडा तक पहुंचाने में मदद की। बंडा आने पर श्री रैकवार की मदद के लिए पटवारी प्रमोद कुमार जैन आगे आए। उन्होंने व बाबूलाल के घर पहुंचकर दस हजार है रुपये की आर्थिक सहायता की।

गौरतलब है कि बंडा के वार्ड क्रमांक की 11 निवासी बाबूलाल रैकवार की पत्नी की आठ फरवरी को बंडा के शासकीय अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी हुई थी, लेकिन बच्ची की हालत ठीक न होने से सागर रेफर कर दिया। यहां एक दिन रुकने के बाद उसे भोपाल हमीदिया रेफर कर दिया। नवजात की हालत बिगड़ने पर बाबूलाल पत्नी व नवजात को लेकर कमला नेहरू अस्पताल आए। यहां कुछ ही घंटों बाद उपचार के दौरान उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया।

बेटी की मौत के बाद वे उसका शव लेकर बाहर आ गए। गांव तक की दूरी 200 किमी थी, लेकिन रुपये ही नहीं थे। ऐसे में वे शव वाहन के लिए परेशान होते रहे। शव वाहन मिला तो चालक ने सात हजार रुपयों की मांग कर दी, लेकिन आर्थिक रूप से बाबूलाल के यहां इतने रुपये नहीं थे। इसकी खबर मिडिया को लगी तो अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की लेकिन वहां से इस तरह की व्यवस्था न होने नियम बताकर शव वाहन उपलब्ध कराने से मना कर दिया। इसके बाद समाजसेवी मनीष सोनी आगे आए उन्होंने आटो से पीड़ित परिवार को बस स्टैंड से भेजा। इसके बाद वे बस से शव लेकर बंडा आए। बंडा पहुंचने पर रविवार को पटवारी प्रमोद कुमार जैन दस हजार रुपये की मदद लेकर बाबूलाल के यहां पहुंचे। उन्होंने उनकी समस्याएं भी सुने। बाबूलाल का कहना है कि उनके यहां तीन बेटियां पहले से हैं। वह मजदूरी कर घर चलाते है । विधायक तरवर सिंह लोधी ने भी बाबूलाल के यहां एक हजार रुपये की मदद भिजवाई है। बाबूलाल का कहना है कि उसके यहां राशन कार्ड नहीं है। उसने राशन कार्ड बनवाने की बात कही।

Scroll to Top