प्रदेश के सभी जिलों में सायबर तहसील शुरू करने की तैयारी, नामांतरण के बाद बंटवारे के केस भी आएंगे इसके दायरे में

प्रदेश के सभी जिलों में सायबर तहसील शुरू करने की तैयारी, नामांतरण के बाद बंटवारे के केस भी आएंगे इसके दायरे में

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल । MP के छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत साइबर तहसीलों के माध्यम से किए जा रहे कार्यों की सफलता को देखते हुए इसे अब सभी जिलों में शुरू किया जाएगा। जमीनों के नामांतरण की कार्यवाही भी सायबर तहसील के दायरे में लाई जाएगी।आने वाले समय में बंटवारे के मामले भी इसके दायरे में लाये जाएंगे।

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प्रदेश में जुलाई 2022 से सायबर तहसील की स्थापना कर प्रथम चरण में पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिले लिए गए थे। बाद में अच्छे परिणामों को देखते हुए चार जिले और शामिल किए गए। इन तहसीलों में पंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर अपेक्षित नामांतरण की कार्यवाही छह जिलों में सायबर तहसील के माध्यम से की जा रही है। इसके आशातीत परिणाम सामने आए हैं। अभी तक सायबर तहसील के विषय में कहीं से भी कोई शिकायत ध्यान में नहीं लाई गई है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए भूमि सुधार आयोग ने राजस्व विभाग को सुझाव दिया है कि प्रदेश के सभी जिलों में नामांतरण की कार्यवचाही के लिये सायबर तहसील के दायरे में लाने के लिए अधिसूचना जारी की जाए। आयोग ने यह सुझाव भी दिया है कि सायबर तहसील के लिए बने मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता नियमों में किये गए प्रावधानों के अनुसार नामांतरण के सभी प्रकार के मामले सायबर तहसील के दायरे में लाएं।

नामांतरण के साथ ही बटवारा भी साइबर तहसील के दायरे में आएगा

अभी केवल रजिस्ट्रीकृत दस्तावेज से संबंधित नामांतरण के मामले सायबर तहसील में निर्वर्तित किए जाते हैं। अब इसके दायरे में नगरेत्तर (ग्रामीण) क्षेत्र के फौती नामांतरण के ऐसे मामले जिनमें वारिसान की जानकारी संबंधित ग्राम में ही उपलब्ध है तथा पटवारी द्वारा पक्षकारगण से संपर्क कर प्रतिवेदन दिया जा सकता है, को भी लाया जाएगा। आयोग का यह सुझाव भी है कि यदि इस तरह अविवादित नामांतरण के मामलों के त्वरित निराकरण में सफलता मिलती है तो अगले चरण में खातों के विभाजन के मामले जिसमें जीवनकाल में भूमिस्वामी द्वारा खाते का विभाजन भी सम्मिलित होगा। सायबर तहसील के दायरे में लाने हेतु कार्यवाही की जा सकती है।

भू राजस्व संहिता की प्रक्रिया से निपटेंगे अविवादित नामांतरण

भूमि सुधार आयोग ने सुझाव दिया है कि जब तक सभी जिलों को सायबर तहसील के दायरे में सम्मिलित नहीं किया जाता है तब तक रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम अंतर्गत दर्ज अविवादित नामांतरण के सभी मामलों में तहसीइलदार द्वारा जब तक कोई आपत्ति प्रस्तुत होने से मामला विवादित की श्रेणी में नहीं आ जाता है, मामले के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता नियम में तय प्रक्रिया का पालन करने हेतु मामलों के निर्वर्तन करने के आदेश जारी किए जाएं।

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