अब MP के स्कूलों में भी सावरकर की जीवनी पढ़ेंगे बच्चे…
कांग्रेस ने जताया विरोध, BJP ने अच्छा फैसला कहा
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि वीर सावरकर पहले लेखक थे जिन्होंने 1857 आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम कहा था। भारत की आजादी में उनका अपूरणीय योगदान है और इसलिए उनको सम्मान मिलना चाहिए। परमार ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस की सरकारों ने भारत के क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी। विदेश आक्रांताओं को महान लिखा गया। हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे। इसलिए नए पाठ्यक्रम में हम उनके बारे में जोड़ेंगे। पाठ्यक्रम में इन क्रांतिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। परमार ने कहा कि हम सच्चे नायकों की जीवनियां शामिल करेंगे और नए पाठ्यक्रम में वीर सावरकर, भगवद गीता संदेश, भगवान परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और अन्य शामिल होंगे। गौरतलब है कि विनायक दामोदर सावरकर एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता और क्रांतिकारी थे। 1910 में उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 1911 में वीर सावरकर को 50 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। वे 13 साल तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सेलुलर जेल (काला पानी) में बंद रहे। उन्होंने 1921 में एसेंशियल्स आफ हिंदुत्व नाम से किताब लिखी थी। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने भी अपने सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को शामिल किया था।
बधाई के पात्र हैं मंत्री परमार-वीडी