मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का शिकार खुद शासकीय कर्मचारी हो रहे है शासकीय कार्यालयों के हालत इतने बदतर हो गये है कि कर्मचारी को अपने वेतन ओर भत्तों का पेमेंट निकलवाने के लिए अपने ही कार्यालय के बाबूओं को रिश्वत देना पड़ रही है । रिश्वत दिये बिना कर्मचारियों का वेतन, वेतनमान, एरियर, समयमान वेतनमान आदि का भुगतान वर्षों से लंबित चल रहा है ।
ताजा मामले में मध्यप्रदेश के जबलपुर में आवेदक नन्हे सिंह धुर्वे जो एक शाला एक परिसर पिपरिया जबलपुर में प्राथमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ है जिसका ट्रांसफर जून 2025 में बालाघाट से जबलपुर हुआ था। ट्रांसफर के उपरांत आवेदक का वेतन एवं वेतन वृद्धि नहीं लगी थी जिस कारण आवेदक वेतन तथा वेतन वृद्धि लगाने के लिए बीईओ कार्यालय जबलपुर में आरोपी शशि कांत मिश्रा सहायक ग्रेड 2 से मिला ।
आरोपी ने वेतन एवं वेतन वृद्धि लगाने के लिए 15 सौ रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत आवेदक ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर अंजू लता पटले के समक्ष की। शिकायत सत्यापन उपरांत आज आरोपी को ₹1500 रिश्वत लेते हुए कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी जबलपुर के सामने रंगे हाथ पकड़ा गया।
आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7,13(1)B, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। ट्रेप दल प्रभारी राहुल गजभिए, ट्रेपकर्ता बृजमोहन सिंह नरवरिया निरीक्षक जितेंद्र यादव एवं लोकायुक्त जबलपुर का दल मौजूद था ।











