भोपाल। मध्यप्रदेश के एक जिले में महंगी शराब बिकने की शिकायत मिली तो जिला प्रशासन ने पटवारियों की ड्यूटी लगा दी कि वे शराब खरीद कर रिपोर्ट दें। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर पटवारियों ने बाकायदा शराब दुकान पर से विभिन्न ब्रांड की शराब खरीदी ओर एसडीएम को रिपोर्ट दी कि किस दुकान पर शराब कितनी महंगी है, शिकायत सही पाई गई।
ये वही जिला है जिसके कलेक्टर ने स्कूलों में फीस और कॉपी किताब की भारी भरकम लूट बंद कराई है। जी हां यहां मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर का है। कलेक्टर के इस प्रकार की जांच के बाद मदिरा प्रेमी लोग कहने लगे है कि अब जरूर शराब के दाम भी पटरी पर आ ही जाएंगे।
उक्त मामले में अनुविभागीय अधिकारी रांझी जबलपुर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर बताया कि किस किस पटवारी ने आदेश के पालन में कौन सी दुकान से किस ब्रांड कि शराब खरीदी ओर प्रिंट मूल्य से कितना रूपया अधिक दिया । एसडीएम ने कलेक्टर को पत्र में लिख कर बताया कि हल्का पटवारी से ली गई रिपोर्ट से स्पष्ट है कि शासकीय अंग्रेजी व देसी शराब दुकानों से विक्रय किये जाने वाले शराब की बोतलों में अंकित एमआरपी मूल्य से अधिक मूल्य पर ग्राहकों को शराब विक्रय किया जा रहा है । इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि उल्लेखित शराब दुकान लाइसेंसधारीयों के विरुद्ध मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाए । उक्त जानकारी लगने पर मदिरा प्रेमीयों में चर्चा है कि अब जरूर शराब पर ज्यादा रूपये नहीं देना पड़ेगा ।