भोपाल। मध्यप्रदेश के राजस्व न्यायालयों के काम काज को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की नाराजगी गलत नहीं है। पहले माध्यम पटवारी होता था अब आनलाईन काम होने से रीडर दलाली करने लगे है। आज प्रदेश के दमोह जिले में चार हजार की रिश्वत लेते हुए तहसीलदार का बाबू (रीडर) रंगेहाथों पकड़ा गया है। बाबू द्वारा नामांतरण के एवज में रिश्वत ली जा रही थी । लोकायुक्त टीम ने आरोपी बाबू पर वैधानिक धाराओं में कार्रवाई की है।
आज मंगलवार के दिन सागर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दमोह जिले की जैसीनगर तहसील के सेमाढाना सर्किल के बाबू रमेश आठिया को चार हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर केपीएस बैन ने जानकारी देते हुए बताया कि चार अप्रैल को आवेदक हरिराम यादव पिता प्राण सिंह यादव 65 साल निवासी सिंगारमुंडी ने एक आवेदन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के यहां दिया था। इसमें उसने बताया था कि उन्होंने अपनी जमीन का बंटवारा अपने बच्चों के नाम कर दिया है, जिसका नामांतरण होना है। नामांतरण का आवेदन तहसील कार्यालय में लगा चुका हूं, जिसमें तहसील कार्यालय का बाबू रमेश आठिया से मिलने पर उन्होंने बटवारानामा और आदेश बनाने की एवज में 5000 की डिमांड की, जिसमें एक हजार दे चुका है।
किसान के आवेदन के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन कराया और किसान द्वारा आवेदन में दी गई जानकारी सही पाई गई तो आज मंगलवार दोपहर लगभग दो बजे आवेदक हरिराम को 4000 की रकम लेकर बाबू को देने भेजा। जहां बाबू अपने कार्यालय की टेबल पर ही 4000 रुपये लेते हुए रंग हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त टीम ने आरोपी बाबू पर वैधानिक धाराओं में कार्रवाई की है। लोकायुक्त टीम में निरीक्षक केपीएस बैन, अभिषेक वर्मा, प्रधान आरक्षक अजय क्षेत्री, आरक्षक अरविंद नायक संतोष गोस्वामी राघवेंद्र ठाकुर गोल्डी पासी शामिल रहे।