हरदा। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक सुश्री पुष्पा झारिया ने किसानों को सलाह दी है कि ग्रीष्मकालीन मूंग फसल की बोनी के लिये उन्नत किस्मे आई.पी.एम 205-7 विराट, एम.एच. 421, आई.पी.एम 410-3 शिखा, एम.एच. 1142 एवं पीडीएम 139 सम्राट का चयन करें। उन्होने बताया कि बीज दर 8-10 किलो ग्राम प्रति एकड़ ही पर्याप्त है।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार बंकोलिया ने किसानों को सलाह दी है कि एफ आई आर पद्धति का उपयोग कर बोनी करें अर्थात बीज उपचार फफूंदनाशक कार्बोक्सीन $ थायरम 2.5 ग्राम प्रति किग्रा की दर से करें। इसके बाद कीटनाशक थायोमेंथाग्जाम 70 डब्ल्यू एस 3 ग्राम प्रति किग्रा बीज उपचारित करें, जिससे सफेद मक्खी के प्रकोप को रोका जा सके। अंत में राइजोबियम तथा पीएसबी कल्चर से 10 मिलि प्रति किग्रा की दर से उपचारित कर तुरंत बोनी करें, ध्यान रहे की खेत मे नमी हो।
उन्होने बताया कि किसान भाई पीएसबी कल्चर एवं राईजोबियम कल्चर के मृदा मे उपयोग के लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक श्री आर. सी. जाटव से संपर्क कर सकते है। फसल में कीट रोग की समस्या होने पर डॉ. ओ. पीत्र भारती एवं डॉ. मुकेश कुमार बंकोलिया से सम्पर्क कर अनुसंशित दवाईयों का सही मात्रा में उपयोग करें।