हरदा (स्वासिक गंगवाल)। इंदौर के दवा व्यापारी आयुष की काउंसलर पत्नी वैष्णवी की आत्महत्या मामले में न्यायालय ने आयुष को भी अग्रिम जमानत दे दी है। इस मामले में 18 जुलाई को आयुष के पिता और 3 जुलाई को आयुष की माँ को जमानत मिल चुकी है। अधिवक्ता के अनुसार माननीय जज महोदय ने भी माना कि दहेज ओर मानसिक प्रताड़ना के आरोप निराधार प्रतीत होने के कारण जमानत मिली है।
आयुष के अधिवक्ता अभिजीत दुबे और विजय साँखला ने बताया कि घटना दिनांक 22 अप्रैल को वैष्णवी ने आत्महत्या की थी। इस दौरान मौके पर एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें वैष्णवी ने लिखा, ‘ मेरी इच्छा से जा रही हूं, किसी को इसका दोष न दें।’ अंत में उसने लिखा जैसे में कुछ नहीं कर पा रही हु, ‘आई एम सॉरी, आई क्विट’ लिखकर अपनी बात समाप्त की।
अधिवक्ता श्री साँखला ने बताया कि वैष्णवी ने क्लिनिकल साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया था और अप्रैल माह में एक प्राइवेट जॉब शुरू किया था, लेकिन महज 10 दिन में वहाँ से निकाल दिया था जिससे काफी निराश थी। जॉब से निकालने के महज 5 दिन में उसने यह कदम उठाया लिया। उन्होंने कहा कि वैष्णवी स्वाभिमानी थी (जैसा सुसाइड नोट में लिखा) इसलिए आशंका हो सकती है कि जॉब जाने के कारण यह कदम उठाया हो।
उन्होंने कहा कि यदि ससुराल पक्ष के लोग वैष्णवी को प्रताड़ित करते तो वह सुसाइड नोट में इसका उल्लेख करती। जबकि उसने तो स्पष्ट लिखा कि वह किसी को ब्लेम नहीं कर रही है। मालूम हो कि 24 वर्षीय नवविवाहिता वैष्णवी पटेल की शादी तीन साल पहले आयुष चाचरे से हुई थी। हालांकि घटना के बाद वैष्णवी के परिजनों ने ससुराल पक्ष पर दहेज और नकद पैसों के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया है।













