हरदा। गत दिवस राजपूत छात्रावास में घुसकर ओर करणी सेना के धरना प्रदर्शन पर न्याय मांगने पर दमनात्मक कार्रवाई लाठीचार्ज के विरोध में आज हरदा जिला बंद ऐतिहासिक सफल रहा । जिले के सभी व्यापारियों ने बिना किसी विरोध के अपने प्रतिष्ठान बंद कर प्रशासन की असंवैधानिक कार्यवाही पर अपना विरोध प्रदर्शन किया । वहीं राजपूत समाज के साथ सर्व समाज द्वारा प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई छात्रावास में घुसकर ओर धरना प्रदर्शन में किये बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज का दिल में आक्रोश लिए राजपूत समाज के साथ सर्व समाज ने मौन रैली शहर में निकाल कर अपना विरोध दर्ज करवाया है ।
आज के विरोध प्रदर्शन पर राजनीतिक गणित के ज्ञानकारों का मानना है कि यदि सरकार ने समय रहते कोई उचित कार्यवाही दोषियों पर नहीं की तो इसके अच्छे परिणाम सत्तापक्ष के लिए नहीं होंगे । उक्त घटना का परिणाम आगामी चुनावों में दिखेगा।
पुलिस के प्रति बढ़ते असंतोष के चलते आज हरदा जिले में बंद सफल रहा तो सर्वधर्म समाज के साथ किन्नर समाज भी आगे आया । विगत दिनों घटित पुलिस रवैए से जनता दुखी एवं क्रोधित थी, लोमहर्षक लाठीचार्ज हुआ जिसके चलते राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों में उथल-पुथल मच गई थी। हरदा जिले के इतिहास में पहली बार जनता खुलकर पुलिस बर्बरता की कठोर निंदा कर रही है। शांति का टापू कहा जाने वाला हृदय नगर हरदा जिला काफी परेशान और चिंतित था जिसका हि परिणाम है कि आज हरदा शहर सहित सम्पूर्ण जिले में ऐतिहासिक बंद रहा। बंद के लिए किसी को कोई दबाव नहीं देना पड़ा, स्वेच्छा से आगे आकर नगर हि नहीं अपितु जिले भर के व्यापारी, आम नागरिक ओर सर्व समाजजन रैली में शामिल हुए ।
बंद के दौरान शहर की सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बस सेवाएं और सार्वजनिक गतिविधियां पूर्णतः ठप रहीं। इस दौरान दोपहर 1 बजे एक अभूतपूर्व और अनुशासित मौन न्याय रैली निकाली गई, जिसमें करीब 10,000 से अधिक सर्व समाजजन शामिल हुए। रैली ने यह संदेश दिया कि अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण और संगठित विरोध भी उतना ही प्रभावशाली हो सकता है। रैली की शुरुआत राजपूत छात्रावास से हुई, जहां सभी ने काली पट्टियां बांधकर विरोध जताया। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए घंटाघर पहुंची, जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सत्य और अहिंसा की राह पर चलने का संकल्प लिया गया। इसके पश्चात रैली पुनः छात्रावास पहुंची, जहां प्रदर्शन का समापन हुआ।
सर्व समाज की मांग थी कि छात्रावास में घुसकर छात्रों और युवाओं पर बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। समाज का आरोप है कि यह कार्रवाई न केवल गैरकानूनी थी, बल्कि छात्रों की गरिमा और स्वाभिमान को भी ठेस पहुंचाने वाली रही। समाज के लोगों का आरोप है कि छात्रावास में घुसकर निर्दोष छात्रों और युवाओं पर बल प्रयोग किया जो पूरी तरह गलत ओर असंवैधानिक है।
आज हरदा शहर ही नहीं, बल्कि हंडिया, रहटगांव, सिराली, खिरकिया, करताना सहित पूरे जिले में बंद का व्यापक असर देखा गया। शुक्रवार को ही राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने व्यापारियों से संपर्क कर सहयोग की अपील की थी, जिसे व्यापारियों और अन्य समाजों ने पूर्ण समर्थन दिया। नतीजतन, शनिवार सुबह से ही पूरा शहर शांतिपूर्वक बंद रहा।











