MP के अजब-गजब अधिकारी : कलेक्टर और नायब तहसीलदार में तू-तू, मैं-मैं, नायब तहसीलदार पर शासकीय कार्य में बाधा का केस…
लोकमतचक्र.कॉम।
भोपाल : जनजातीय गौरव दिवस में शामिल होने के लिए आदिवासियों को बस में बैठाने और खाने व नाश्ते के इंतजाम को लेकर उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और नायब तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा में जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। हालात यहां तक पहुंच गए कि दोनों ही अफसरों ने एक दूसरे को चोर और अन्य अपशब्दों तक से संबोधित कर दिया। अब इस मामले में कलेक्टर ने नायब तहसीलदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला उमरिया जिले के चंदिया का है। कलेक्टर श्रीवास्तव के अनुसार जनजातीय गौरव दिवस के लिए भोपाल जाने वाली बसों में आदिवासियों को बैठाने और उन्हें खाने, नाश्ते व पानी के पैकेट का वितरण कराने के लिए नायब तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा की ड्यूटी लगाई गई थी। चंद्रशेखर मिश्रा तय स्थल पर सुबह नहीं पहुंचे। बताया गया कि इस बीच कलेक्टर श्रीवास्तव वहां आ गए और उन्होंने नायब तहसीलदार मिश्रा के बारे में जानकारी ली। वहां पर विधायक, अपर कलेक्टर और अन्य सभी अधिकारी मौजूद थे लेकिन नायब तहसीलदार नहीं थे और न ही किसी का मोबाइल रिसीव कर रहे थे। उनका फोन बंद था। इसके बाद कलेक्टर श्रीवास्तव ने एक वाहन में कर्मचारी को नायब तहसीलदार के निवास पर भेजा जहां से पता चला कि मिश्रा दो दिन से गायब हैं। इसके बाद कलेक्टर ने मौके पर ही मिश्रा का निलंबन कर दिया और एक घंटे के भीतर इसके आदेश भी जारी कर दिए।
बताया जाता है कि एक घंटे बाद नायब तहसीलदार मिश्रा मौके पर पहुंचे तो वहां कलेक्टर ने उन्हें खरी-खोटी सुनाई जिसके बाद नायब तहसीलदार मिश्रा ने भी पलटवार कर कलेक्टर को जवाब दिए। इस बीच स्थिति इतनी बिगड़ी कि दोनों ही अफसरों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई और कलेक्टर और नायब तहसीलदार ने दोनों ही अफसरों ने एक दूसरे को चोर और अन्य अपशब्दों से नवाजा। कल गौरव दिवस की व्यस्तता और उमरिया में हुए कार्यक्रम के बाद कलेक्टर श्रीवास्तव ने अब थाना प्रभारी चंदिया को नायब तहसीलदार के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में कार्यवाही करने और एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है।
इनका कहना…
नायब तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा ड्यूटी पर नहीं थे। सस्पेंड करने के बाद वे मौके पर आए और बदतमीजी की थी। उनके विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी वे सस्पेंड हैं।
-संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर, उमरिया
लिखित और मौखिक रूप से कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी – उधर नायब तहसीलदार चंद्रशेखर मिश्रा का कहना है कि उन्हें लिखित और मौखिक रूप से कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी। इसलिए वे तत्काल मौके पर नहीं पहुंचे थे। बाद में अपना पक्ष रखने की कोशिश की थी और निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया था।