जिले के सभी किसान भाइयों से कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने अपील है कि सभी अपनी फार्मर आईडी बनवाएं जिससे शासन की कल्याणकारी योजनाओं का निरंतर लाभ प्राप्त हो सके।
उन्होंने बताया कि समस्त भू-धारियों को एक यूनिक फार्मर आई.डी. प्रदान की जाएगी, जिसके माध्यम से शासन की योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन एवं कृषि उत्पादों का सुविधाजनक विपणन हो सकेगा। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तरीके से प्रदान करने हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं पहचान हो सकेगी।
फार्मर आईडी से फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में कृषकों के पंजीयन में सुगमता होगी। फार्मर आईडी से किसानों के लिए कृषि ऋण एवं अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं की सुगमता। फार्मर आईडी से विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु बार-बार सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
फार्मर आईडी (Farmer ID) किसानों के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह उन्हें सरकारी योजनाओं (जैसे PM किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, खाद-बीज सब्सिडी) का सीधा और पारदर्शी लाभ उठाने, बैंक से आसान लोन पाने, मंडियों में फसल बेचने और कृषि सलाह लेने में मदद करती है, जिससे उनका पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप से एक जगह पर दर्ज हो जाता है और उन्हें बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। यह फर्जीवाड़े को रोकने और सही किसान तक सरकारी मदद पहुंचाने का एक डिजिटल ज़रिया है।
फार्मर आईडी क्यों ज़रूरी है:
सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: PM किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), फसल बीमा (Fasal Bima) और अन्य सब्सिडी योजनाओं का फायदा सीधे और आसानी से मिलता है।
डिजिटल पहचान: यह एक यूनिक डिजिटल कार्ड है, जो आधार से लिंक होता है और किसान की पूरी जानकारी (जमीन, फसल, मिट्टी) को सुरक्षित रखता है।
आसान लोन: किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और अन्य कृषि ऋण के लिए भारी कागजी कार्रवाई की ज़रूरत नहीं पड़ती, लोन जल्दी मिलता है।
फसल बिक्री में आसानी: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल की खरीद और मंडी में टोकन लेने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
फसल बीमा में मदद: फसल खराब होने पर बीमा क्लेम और मुआवजे की प्रक्रिया डिजिटल और तेज़ हो जाती है।
कृषि सलाह: मिट्टी की सेहत और मौसम के अनुसार सही सलाह (Advisory Services) मिल पाती है।
पारदर्शिता और धोखाधड़ी पर रोक: योजनाओं का लाभ सही और योग्य किसान तक पहुंचता है, और भ्रष्टाचार कम होता है।
बार-बार सत्यापन से मुक्ति: एक बार आईडी बनवाने के बाद योजनाओं के लिए बार-बार वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती।
संक्षेप में, फार्मर आईडी किसानों को सशक्त बनाने, उनकी समस्याओं को खत्म करने और खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके बिना भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है।











