सरकार दोषियों को बचाने की जगह जिम्मेदारों पर करे कार्यवाही : जीतू पटवारी
मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ का मुआवजा देने की मांग, सरकार एसआईटी गठित करे और मौतों का सही आंकड़ा बताए
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
हरदा। आज बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी हरदा पहुंचे। उन्होंने ने जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की। पटवारी घटना स्थल पर भी पहुंचे। उन्होंने मांग की है कि मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए। साथ ही घायलों को 10-10 लाख और लापता लोगों के परिजनों को 1 करोड़ का तत्काल मुआवजा दिया जाएं। जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार दोषियों को बचाने के बजाय जिम्मेदारों पर कार्रवाई करें।
हरदा पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी मानपुरा जाकर मृतकों के परिवारवालों से मिले। हादसे को लेकर पटवारी ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रशासन की लापरवाही बताई। मलबे में सैकड़ों मजदूरों के दबे होने का दावा किया है।
पीसीसी चीफ ने कहा मैंने घटनास्थल पर कलेक्टर से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने मुझे फैक्ट्री के भीतर भेज दिया, जब मैं बाहर निकला तो कलेक्टर और एसपी वहां से गायब हो गए। इतना बड़ा हादसा हुआ और रेस्क्यू ऑपरेशन से कलेक्टर, एसपी का गायब हो जाना अपने आप में सरकार की उदासीनता को जगजाहिर करता है।
पीसीसी चीफ जीतू बोले- शवों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है
” दूसरा यह कि ढ़ाई एकड़ जमीन में बनी दो मंजिला इमारत में जब विस्फोट हुआ तो उसने पूरी इमारत को दबा दिया, लोहा तक पिघल गया तो इंसान क्या चीज है। ऐसे में जिस तरह रेस्क्यू चल रहा है, उससे प्रतीत होता है कि प्रशासन अर्थवर्क का काम कर रहा है। शवों को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। मैंने घायलों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात की है, उस हिसाब से वहां 100 से ज्यादा लोग दबे हुए हैं।
सरकार एसआईटी गठित करे और मौतों का सही आंकड़ा बताए
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने हरदा में मीडियो से कहा, सरकार हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित करे। मिसिंग लोगों की संख्या बताए। उनको किस कैटेगरी में डालेंगे। मृतक के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए मिलें। परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलें।घायलों को 10-10 लाख रुपए मिलें। ये पैसे ईमानदारी से मिलें। संबंधित कर्मचारियों पर 302 का मुकदमा चले, जिन्होंने अवैध फैक्ट्री चलाने में मदद की।मुख्यमंत्री प्रदेश से क्षमा मांगें। मंत्री पर भी गाज गिरे। सिर्फ अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं करें।