भक्त की भक्ति की भावना में शक्ति होती है, भक्ति की ताकत के फलस्वरुप उसका कर्म,कार्य सिद्ध भी हो जाता है : निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी महाराज

भक्त की भक्ति की भावना में शक्ति होती है, भक्ति की ताकत के फलस्वरुप उसका कर्म,कार्य सिद्ध भी हो जाता है : निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी महाराज

IMG 20240320 WA0040


चंदनबाला की पुकार भगवान महावीर ने सुनी और उनसे मिलने कारावास पहुंचे, कैसे सबरी की पुकार भगवान श्रीराम ने सुनी और उनसे मिलने सुदूर दक्षिण के जंगलों में पहुंचें।

लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

खिरकिया। भक्त की भक्ति की भावना में शक्ति होती है। भक्त भगवान की विशेष भक्ति करता है। वह प्रभु भक्ति में अपने आपको भगवान को ही सौंप देता है। देव शास्त्र गुरु की सच्ची भावना, मन,भक्ति, श्रद्धा, समर्पण की कसौटी पर खरा उतरने से भक्ति की ताकत के फलस्वरुप उसका कर्म,कार्य सिद्ध भी हो जाता है। सही मार्ग प्रशस्त होता है। यह बात दिगम्बराचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के शिष्य निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी महाराज ने मंगलवार की शाम को स्थानीय दिगम्बर जैन मंदिर में अपने प्रवचन में कही। 

मुनि श्री ने कहा कि देव शास्त्र गुरु जिनेंद्र प्रभु की भक्ति निशंक यानी शंका रहित पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन,पूजा,आराधना करनी चाहिए।निर्मल भावना से ही धर्म ध्यान होता है। व्यक्ति को धन के साथ-साथ धर्म से समृद्ध होना चाहिए। जो धर्म से समृद्ध बनता है,उसकी भावनाएं भी प्रबल होती है और उसे सब कुछ प्राप्त होता है।धर्म से समृद्ध होने वाला सेवा से भी समृद्धशाली होता है। वह बिना नाम की इच्छा किए निडरता और जिम्मेदारी से सभी की सेवा परोपकार में अग्रणी भूमिका में रहता है। 

मुनि श्री ने कहा कि भगवान भी भक्तों के ही वश में होते हैं।उनका आप श्रद्धापूर्वक आव्हान करेंगे तो वे जरूर आएंगे।इस सम्बंध में उन्होंने बताया कि कैसे चंदनबाला की पुकार भगवान महावीर ने सुनी और उनसे मिलने कारावास पहुंचे, कैसे सबरी की पुकार भगवान श्रीराम ने सुनी और उनसे मिलने सुदूर दक्षिण के जंगलों में पहुंचें।

IMG 20240320 WA0037

महामस्तकाभिषेक हुआ

बुधवार सुबह दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि श्री वीरसागर जी महाराज के मार्गदर्शन में मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ।इस दौरान शांतिधारा भी हुई।अभिषेक के पश्चात मुनि संघ ने हरदा की ओर विहार कर लिया।मुनि संघ की बुधवार को ग्राम मांदला में आहारचर्या हुई, रात्रि विश्राम ग्राम मसनगांव के समीप हुआ।वे आज गुरुवार सुबह हरदा पहुंचेंगे।उल्लेखनीय है कि मुनि संघ पुणे से पद विहार करते हुए आ रहे हैं।वे कुछ ही दिनों में कुंडलपुर पहुंचेंगे।

IMG 20231013 121309

भव्य अगवानी हुई

इससे पहले मंगलवार शाम को मुनिश्री वीरसागर जी, क्षुल्लक श्री मनन सागर, मगन सागर, विरल सागर तथा विचार सागर महाराज की शहर में भव्य अगवानी की गई। समाजजन उन्हें छीपाबड़ से मेन रोड से बैंडबाजे तथा जयकारों के साथ शोभायात्रा के रूप में खिरकिया लेकर आए।मुनिश्री का रास्ते में अनेक स्थानों पर पाद प्रक्षालन किया गया। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं पुरूष तथा बच्चे शामिल थे।

Scroll to Top