मुन्नाभाई IAS अफसर सस्पेंड : दूसरे की जगह पेपर देते पकड़ाया था, कोर्ट ने 3 साल की सजा दी

मुन्नाभाई IAS अफसर सस्पेंड : दूसरे की जगह पेपर देते पकड़ाया था, कोर्ट ने 3 साल की सजा दी

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लोकमतचक्र डॉट कॉम।

फिल्मी मुन्नाभाई की तरह दूसरे के परिक्षार्थी के लिए क्लर्क की परीक्षा देते पकड़ाया युवक पांच साल बाद खुद UPSC परीक्षा पास कर आइएएस अधिकारी बन गया । अब कोर्ट से सजा होने पर वर्ष 2019 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन तनवर को हिमाचल सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। उनकी सस्पेंशन दोषी घोषित किए जाने की डेट से हुई है। उन्हें किसी दूसरे अभ्यर्थी की जगह बैंक की आईबीपीएस परीक्षा देते पकड़ा गया था। नवीन 2019 बैच के IAS अफसर हैं। अभी उनकी तैनाती चंबा के ADC के तौर पर की गई थी। सस्पेंशन अवधि के दौरान शिमला सचिवालय में कार्मिक विभाग इनका हैडक्वार्टर घोषित किया गया है। 

जानकारी के मुताबिक 13 दिसंबर 2014 को उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले नवीन तनवर गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में क्लर्क भर्ती परीक्षा देने पहुंचे थे यह परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (IBPS) क्लर्क भर्ती के लिए थी। CBI ने तब नवीन को अमित सिंह की जगह पर पेपर देते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

तनवर की अर्जी पर जेल भेजने में दी राहत बीते माह नवीन सहित छह अन्य को सीबीआई कोर्ट ने 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद CBI कोर्ट ने नवीन तनवर की अर्जी पर उन्हें जेल भेजने में फिलहाल राहत दी है।

2019 में आईएएस बने नवीन

इसके बाद सीबीआई ने राज्य सरकार को पत्राचार किया। सीबीआई का पत्र मिलने के बाद सरकार ने नवीन को सस्पेंड किया है। नवीन दूसरों की जगह पेपर देते हुए साल 2014 में पकड़ा गया, जबकि 2019 में वह IAS चयनित हो गया। जिस वक्त नवीन गिरफ्तार हुए, वह खुद पेपर की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद उनका UPSC में सिलेक्शन हो गया।

ऐसे खुला मामला 

सीबीआई को सूचना मिली कि परीक्षार्थी के स्थान पर दूसरे युवक परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दे रहे हैं। सूचना पर सीबीआई की टीम ने मौके पर जाकर अमित सिंह और अजय पाल के स्थान पर परीक्षा दे रहे नवीन तनवर और सावन को पकड़ा। सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर ने दोनों परीक्षार्थियों को साल्वर मुहैया कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। इस केस में फैसले की कॉपी सीबीआई से राज्य सरकार को देरी से मिली, इसलिए पिछली तारीख से ही इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।

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