मध्‍य प्रदेश में सात जिलों के रेत ठेके निरस्त, भंडार की जांच करेंगे कलेक्टर

मध्‍य प्रदेश में सात जिलों के रेत ठेके निरस्त, भंडार की जांच करेंगे कलेक्टर

सौ करोड़ रुपये ये अधिक की सुरक्षा राशि जब्त नर्मदापुरम(होशंगाबाद)) के ठेकेदार हाई कोर्ट पहुंचे

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लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रदेश की सबसे बड़ी रेत खदान नर्मदापुरम (होशंगाबाद)), भोपाल सहित सात जिलों के रेत ठेके सरकार ने निरस्त कर दिए हैं। ठेकेदारों की सुरक्षा राशि (सौ करोड़ से अधिक) जब्त कर ली है। वहीं संबंधित ठेकेदारों द्वारा भंडारित रेत की जांच के निर्देश संबंधित जिलों के कलेक्टरों को दिए गए हैं। ये ठेकेदार पिछले तीन महीने से मासिक किस्त जमा नहीं कर रहे थे।

ठेकेदारों ने पिछले माह स्वेच्छा से खदानें छोड़ने का आवेदन भी दिया था। ज्ञात हो कि नर्मदापुरम(होशंगाबाद) जिले की 118 रेत खदानों के समूह का ठेका 19 महीने में दूसरी बार निरस्त हुआ है। वर्ष 2019 में रेत खदानों की नीलामी में शामिल होकर तेलंगाना की पावरमैक कंपनी ने 217 करोड़ में ठेका लिया था, जिसे मई 2020 में निरस्त किया गया था। जनवरी 2021 में छत्तीसगढ़ की कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट ने 262 करोड़ रुपये में यह ठेका लिया था।

खनिज निगम ने रायल्टी की राशि नियमित रूप से नहीं मिलने पर नर्मदापुरम(होशंगाबाद), भोपाल, खरगोन, बड़वानी, जबलपुर, दमोह और टीकमगढ़ की रेत खदानों के समूह के ठेके निरस्त कर दिए हैं। प्रदेश की सबसे बड़े रेत खदानों के समूह नर्मदापुरम(होशंगाबाद) के ठेकेदार पर 63 करोड़ से अधिक की देनदारी थी।

ठेकेदार ने दिसंबर 2021 में खदान समर्पित करने का आवेदन तो दे दिया था, पर वह अक्टूबर 2021 से रायल्टी की नियमित किस्तों का भुगतान नहीं कर रहे थे। इसे देखते हुए ठेका निरस्त किया गया है और 65 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जब्त कर ली गई है। साथ ही ठेकेदार को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाला गया है।

कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा ठेकेदार

रिस्क एंड कास्ट के नियम सहित अन्य प्रतिबंधों के खिलाफ ठेकेदार ने हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका लगाई है। जानकार बताते हैं कि रिस्क एंड कास्ट के नियम में ठेकेदार को राहत मिल सकती है।

ठेकेदारों ने 39 में से 24 खदानें छोड़ीं

वर्ष 2019 में सरकार ने रेत खदानों के 39 समूह (जिला स्तर पर समूह) नीलाम किए थे। इनमें से आठ ठेकेदारों ने खदानें छोड़ दी हैं, तो 16 ठेकेदारों के ठेके निरस्त कर दिए गए हैं। इस तरह प्रदेश में वर्तमान में 15 जिलों की खदानों से ही रेत निकाली जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि रतलाम, भिंड और पन्ना के ठेकेदार पहले खदानें समर्पित कर चुके हैं। बैतूल, देवास, ग्वालियर, नरसिंहपुर और डिंडौरी के दिसंबर में खदानें समर्पित कर दी हैं। वहीं भोपाल, नर्मदापुरम(होशंगाबाद), रायसेन, धार, आलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, शिवपुरी, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, मंदसौर, रीवा, राजगढ़ और शाजापुर की खदानें निरस्त की गई हैं।

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