अपनी आस्था के केन्द्र सम्मेदशिखर को बचाने, जैन समाज ने आव्हान पर हुआ नगर बंद

अपनी आस्था के केन्द्र सम्मेदशिखर को बचाने, जैन समाज ने आव्हान पर हुआ नगर बंद

रेलवे फाटक से जैन मंदिर तक मुनि श्री ललितप्रभ के सानिध्य में निकाली मौन रैली, घंटाघर पर हुई सभा…

समस्त व्यापारियों, नागरिकों ने दिया अभूतपूर्व योगदान …

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा । जैन समाज ने तीर्थक्षेत्र श्रीसम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर शहर बंद कराया। जैन समाज ने विशाल मौन रैली निकली। साथ ही शहर को बंद रखने का भी आह्वान किया है। जुलूस को व्यवसायिक, सामाजिक संगठनों का समर्थन भी मिला है। व्यापियों ने तीर्थ बचाओं – धर्म बचाओं आंदोलन को समर्थन देते हुए स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान दोपहर एक बजे तक बंद रखकर सहयोग किया।

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इस अवसर पर शहर के घण्टाघर चौक पर राष्ट्र संत ललित प्रभ सागर महाराज ने जैन समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सम्मेद शिखर जैसे महान तीर्थ को बचाना जैन समाज ही नही बल्कि पूरे राष्ट्र की कर्तव्य है। जिस स्थान पर साधना, आराधना एवं प्रभु की भक्ति की जाती है उसे पर्यटन स्थल घोषित करना निंदनीय है। इसको लेकर हर समाज को सामूहिक निर्णय लेना होगा। नहीं तो हम किस किस तीर्थ स्थल को बचाने आंदोलन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि श्री सम्मेद शिखर जैन समाज के प्राण है यहां पर 24 में से 20 जैन तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था।

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जैन समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन एवं कोषाध्यक्ष राजीव रविंद्र जैन ने बताया कि झारखंड स्थित जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में जैन समाज के लोगों ने रैली निकाल कर शहर के व्यापारियों से दोपहर 1 बजे तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की थी, जिस पर नगर के व्यापारियों, नागरिकों ने स्वेच्छा से अपना समर्थन दिया है । सकल जैन ने इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया ।

राजीव जैन ने कहा कि विश्व के सर्वोच्च प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किया जाना उसकी पवित्रता और अखंडता को समाप्त करने का सत्ताधारी सरकार का अत्यंत गहरा षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कृत्य की तुलना पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार से कम नहीं है। जैन समाज ने सरकार से समाज के पवित्र स्थल सुरक्षा ‘के लिए पर्यटन स्थल घोषित करने का आदेश वापस लिए जाने की मांग की है।

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