जन्माष्टमी के पावन पर्व पर दलित समाज की बेटी से कैबिनेट मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने बधवाई राखी

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भोपाल
। कल जन्माष्टमी के इस पावन पर्व पर देशभर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है वहीं राखी बंधवाकर बहनों से आशीर्वाद भी लिया जाता है। इस शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश शासन के जनजाति कार्य विभाग कैबिनेट मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने दलित समाज की कोटवार की बेटी से कलाई पर राखी बधवाकर आशीर्वाद लिया ओर और कहा कि अगले वर्ष सभी बहने अपने भाइयों की रक्षा के लिए हाथ पर रक्षा सूत्र के साथ-साथ सिर पर हेलमेट बांधने की परंपरा प्रारंभ करें । असल में यही भाई और बहन का सच्चा प्रेम होगा और भाई की रक्षा भी होगी, क्यों कि हाथ की कलाई पर बंधा रेशम का धागा टूट कर गिर जाएगा ,लेकिन भाई के सिर पर बंधा हेलमेट भाई की जान बचाएगा। ऐसा संकल्प हर बहने अपने भाई के सिर पर हेलमेट बांधकर और भाई का हाथ अपने सिर पर रखकर संकल्प लें कि बिना हेलमेट के भाई कभी गाड़ी नहीं चलाएगा,यदि सभी बहने इस पर्व को इस तरह से मानने लगी और हर साल लाखों भाइयों की जान दुर्घटना होने से बच सकती है और इससे बड़ा उपहार कोई भी बहन अपने भाई को नहीं दे सकती है। डा. कुंवर विजय शाह ने हमेशा से समाज में नवाचार और राष्ट्र धर्म समाज की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक समरसता के लिए भी कार्य किया है। 

श्री शाह ने कहा कि आज जिस केवट समाज को वंचित समुदाय की श्रेणी में शामिल किया जाता है, श्रीराम ने उन्हें भी गले लगाकर सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। केवट के आग्रह पर उसके हाथों अपना पैर धुलवा कर ही उसकी नाव पर चढ़े, यानी केवट को उन्होंने अस्पृश्य नहीं माना। श्रीराम का निषादराज को हृदय से लगाना और आग्रह करना कि हमसे मिलने आते रहना, एक वनवासी को किसी राजपुत्र द्वारा अपने सहोदर के समान प्रेम और सम्मान देना सामाजिक उत्थान एवं समरसता की दिशा में स्थापित किया गया श्रेष्ठ मानक है। इस दौरान उन्होंने चौपाई सुनाते हुए कहा कि  बैठक सभा सबै हरिजू की कौन बड़ो को छोट। सूरदास पारस के परसे मिटत लोह के खोट।।सूर के काव्यलोक में जाति-पांति, ऊंच-नीच, स्त्री-पुरुष में भेदभाव की भावना नहीं है। सुदामा-कृष्ण पुनर्मिलन समरसता का एक अन्य उत्कृष्ट प्रसंग है।

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