आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ की ताला बंद हड़ताल के दूसरे दिन पटवारी संघ ओर किसान कांग्रेस ने दिया समर्थन
लोकमतचक्र
हरदा। आज ताला बंद हड़ताल के द्वितीय दिन भी सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ (सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ) के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने निम्नांकित जायज मांगों को पूरा कराने के लिये शांति पूर्ण तरीके से धरना दिया। भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सोनी ने बताया कि प्रदेश के निर्णय अनुसार समस्त जिलों मे 23 जनवरी से 28 जनवरी तक धरना चलेगा।आज धरना स्थल पर पटवारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव जैन और किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केदार सिरोही ने मांगो का समर्थन किया।
श्री सोनी ने कहा कि निम्नखित मांगो मे से कई मांगों को पूरा किये जाने हेतु मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पूर्व में आश्वासन दिया गया है । तथा मुख्यमंत्री के संज्ञान में निरंतर लाये जाने के बावजूद आज दिनांक तक इन मांगों के संबंध में कोई समाधान कारक निर्णय आज तक प्राप्त नहीं हुये है। मांगे निम्न प्रकार से हैं।
1. म0प्र0 महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनीआंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुये सभी शासकीय सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाये। म.प्र. सरकार के द्वारा घोषित 1500 रू0 एरियर्स के साथ भुगतान किया जाये ।
2. राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से समन्वय कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में संशोधन करते हुये मानदेय या मानसेवा की जगह नियमित और सीधी भर्ती की जाने की नियमावली बनाई जाये।
3. जब तक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन नहीं किया जाता है तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय, अतिरिक्त मानदेय में केन्द्र से निर्धारित मंहगाई भत्ते को लागू कर भुगतान किया जाये एवं कम से कम 18000 / 9000 रू० कार्यकर्ता / सहायिका को भुगतान किया जाये
4. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग की ओर से कम से कम 500000/-रू0 का स्वास्थ्य बीमा कराया जाये एवं सभी आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं मिनी कार्यकर्ताओ को आयुष्मान योजना की पात्रता में शामिल किया जाये ।
5. महिला बाल विकास के अतिरिक्त किसी भी अन्य कार्य में ड्यूटी न लगाई जाये जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्णरूप से कर सकें और जीवन से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण सेवायें प्रभावित न हो और हर गर्भवती शिशुवती और बच्चों की सही देखरेख हो और देश को एक स्वस्थ्य और आदर्श नागरिक प्राप्त हो सके।
6. महिला एवं बाल विकास विभाग से प्रत्येक मद में प्राप्त राशि और पोषण, खेल, स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी सामग्री उनके केन्द्रों पर समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाये और विभागीय ऍप पोषण ट्रेकर और सम्पर्क एप को मर्ज करके एक ही ऐप से कार्य कराया जाये।
7. आंगनवाडी केन्द्रों के लिये ज्यादा से ज्यादा भवन उपलब्ध कराये जायें और जो भवन किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं उनका किराया वर्तमान स्थिति के आधार पर बढ़ाकर प्रदान किया जाये ।
8. अन्य विभागों की भांति महिला एवं बालविकास विभाग को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक-एक करके कम से कम 15 दिवस का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाये
9. 10 वर्ष के अनुभव, शिक्षा और वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाये, म०प्र० के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किये जाये । उत्तरप्रदेश में यह प्रक्रिया है ।
10. मिनी आंगनबाडी केन्द्रों को पूर्णकेन्द्र बनाया जाये और सहायिका की नियुक्ति के उपरांत ही नये केन्द्रों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो और मिनी केन्द्रों को स्वीकृत न करते हुये पूर्ण केन्द्र ही संचालित कराये जायें।
11. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बहने जब तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं की जाती है तब तक उनका रिटारमेंट नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनके जीवन यापन का यही एकमात्र साधन है और यदि जिनको रिटायरमेंट दिया जा रहा तो उन सभी को 2016 अप्रैल से माननीय जी द्वारा घोषित की गई राशि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं / सहायिकाओं / मिनि कार्यकर्ताओं की सेवा निवृत्ति पर उन्हें क्रमशः 100000/-, 75000/- एवं 75000/-रू0 की राशि प्रदान करें।