CM शिवराज का 21 दिन में दूसरी बार ऐलान, कर्मचारियों को देंगे 42% मंहगाई भत्ता, कर्मचारी संगठनों में आक्रोश

CM शिवराज का 21 दिन में दूसरी बार ऐलान, कर्मचारियों को देंगे 42% मंहगाई भत्ता, कर्मचारी संगठनों में आक्रोश

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 
भोपाल । CM शिवराज सिंह चौहान ने 23 जून को की गई घोषणा के बाद 14 जुलाई को एक बार फिर दोहराया है कि 

राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के समान 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता एक जनवरी से मिलेगा और एक जनवरी से 30 जून तक महंगाई भत्ते का एरियर 3 समान किस्तों में मिलेगा। उन्होंने कहा कि 42% महंगाई भत्ता जुलाई माह के वेतन में जुड़कर मिलेगा जो कि अगस्त माह से दिया जायेगा। इसमें छठवां वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भी समानुपातिक वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक तीसरा समयमान वेतनमान ही दिया जा रहा था लेकिन अब 1 जुलाई 2023 तक सेवा के 35 वर्ष पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान मिलेगा।

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कर्मचारियों में आक्रोश, सरकार गुमराह कर रही 
 कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री चौहान की घोषणा के बाद आक्रोश व्यक्त किया है। संगठनों का कहना है कि सीएम ने
पहले जून माह की घोषणा में कहा था कि जून पेड जुलाई में बढ़ा वेतन मिलेगा। इसलिए वित्त विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे कर्मचारियों ने 30 जून तक वेतन देयक नहीं बनाये। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार आज दिनांक तक 4 प्रतिशत डीए का आदेश नहीं निकाला गया। ऐसे में कर्मचारियों के हित में की गई थोथी घोषणा मानते हुए पुराने डीए पर कर्मचारियों ने अपना जून माह का वेतन जुलाई में निकाला। अब नये सिरे से 4 प्रतिशत डीए की घोषणा अलग अंदाज में करते हुए मुख्यमंत्री चौहान की ओर से 42 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की गई है जिसे जुलाई माह के वेतन से देने की बात की जा रही है। यह भी गुमराह करने वाली बात है।
नाराज पेंशनर्स बोले, सरकार उन्हें जीवित प्राणी प्राणी मानती है या नहीं
उधर सरकार की उपेक्षा से दुखी पेंशनर्स ने कहा है कि सरकार लगातार पेंशनर्स की पेंशन में बढ़ोतरी के लिए की जाने वाली महंगाई भत्ते की राशि बढ़ाने में आनाकानी कर रही है पर्सनल संगठनों का कहना है कि पेंशनर्स भी जीवित प्राणी हैं यह नहीं दिखता मुख्यमंत्री को या केवल चुनाव मशीनरी को ही खुश करना है? क्या पेंशनर्स को सड़कों पर उतरना होगा समान डीए के लिए? पेंशनर्स इसलिए भी नाराज हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार की आड़ लेकर एमपी सरकार हमेशा समय पर मंहगाई भत्ता देने में टालमटोल करती है। पेंशनर्स ने यह भी कहा कि पेंशनर्स के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य का अनावश्यक संदर्भ लाया जाता है। बिना यह सोचे कि किन प्रकरणों में छत्तीसगढ़ राज्य की सहमति आवश्यक है और किनमें नहीं ?क्या मुख्यमंत्री इतने भोले हैं कि उन्हें वित्त विभाग इस विषय में गुमराह कर देता है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के कर्मचारी जनवरी 2023 से 42 प्रतिशत डीए प्राप्त कर रहे हैं और निर्धारित समय अनुसार प्रत्येक 6 माह बाद अर्थात जुलाई 2023 में केंद्र सरकार फिर अपने कर्मचारियों को डीए बढ़ाने की घोषणा करेगी पर एमपी के कर्मचारियों को अभी पुराने का ही इंतजार करना पड़ रहा है।
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