नर्सों की हड़ताल पर हाईकोर्ट सख्त : कहा- जब हड़ताल अवैध है, तो अब तक क्यों नहीं की कठोर कार्रवाई

नर्सों की हड़ताल पर हाईकोर्ट सख्त : कहा- जब हड़ताल अवैध है, तो अब तक क्यों नहीं की कठोर कार्रवाई

सरकार से सोमवार तक लिखित में मांगा जवाब

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

जबलपुर। MP हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा ने नर्सों की हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नर्सों की हड़ताल को अवैध घोषित करने के बावजूद हड़ताल क्यों की गई। इस मामले में प्रदेश सरकार से सोमवार तक लिखित में जवाब मांगा है। महाधिवक्ता ने कहा हड़ताली नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाई कोर्ट पिछली बार ही नर्सों की हड़ताल को असंवैधानिक बता चुका है।

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गौरतलब है कि प्रदेश के नर्सिंग स्टाफ अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिनों से हड़ताल पर बैठे है। वे अलग अलग तरीके से विरोध प्रद्रर्शन कर आक्रोश जता रहे है। प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे है। शुक्रवार को कुछ जिलों में पीपीई किट और ताली बजाकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए।वहीं कुछ जगहों पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए महायज्ञ किया गया। हड़ताल की वजह से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा गई है। मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाए बंद नहीं है, लेकिन प्रभावित हो गई है।

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