मृत्युभोज करना मांस खाने के बराबर : आचार्य डा गोवर्धनराम जी

मृत्युभोज करना मांस खाने के बराबर : आचार्य डा गोवर्धनराम जी

आतिशबाजी कर निकाली सुसज्जित रथ में श्रीगुरु जम्भेश्वर भगवान की शोभायात्रा 

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लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

नीमगांव । समाज में मृत्युभोज की कुप्रथा तो बंद कर दी गई, लेकिन इसके स्थान पर अन्य किसी प्रकार का भोज करना गलत है। हम एक कुप्रथा बंद कर दूसरी शुरू नहीं कर सकते। समाज के किसी परिवार में अगर मृत्यु हो जाए तो उसके घर भोजन भी नहीं करना चाहिए। हमें उस परिवार में जाकर केवल मृत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करना चाहिए। विश्नोई समाज ने सुधार के लिए कई कठोर निर्णय लिए हैं। अब जरूरत है तो बस हमें इन नियमों का पालन करते रहने की। नीमगांव स्थित श्रीगुरु जम्भेश्वर मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय जाम्भाणी हरिकथा के चौथे दिन राजस्थान से आए आचार्य संत डा. गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री ने सोमवार को कही। उन्होंने जाम्भाणी हरिकथा के दौरान मृत्युभोज पर उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज ने समाज सुधार की दिशा में कई अहम निर्णय लिए हैं और उनका पालन भी किया जा रहा है। इसी तरह मृत्युभाेज की कुप्रथा भी बंद करना सराहनीय है। हम अपने स्वजन को जीवन के अंतिम समय की ओर है तो उनके जीते जी भी हवन यज्ञ या कथा करा सकते हैं। उनके हाथों से दान पुण्य करा सकते हैं ताकि उन्हें पुण्य मिल सके। मृत्युभोज में भोजन करना मांस खाने के बराबर है।

आतिशबाजी कर निकाली शोभायात्रा :- मंदिर में मंगलवार को पांच दिवसीय अगहन महोत्सव और जाम्भाणी हरिकथा का समापन किया जाएगा। मप्र विश्नोई युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुहागमल पंवार ने बताया कि सुसज्जित रथ में श्रीगुरु जम्भेश्वर भगवान की प्रतिमा रखकर मंदिर से शोभायात्रा गांव में निकाली गई। घरों के सामने ग्रामीणों ने प्रतिमा की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। इसके अलावा ग्रामीणों ने शोभायात्रा में शामिल लोगों को प्रसाद का वितरण भी किया। शोभायात्रा के दौरान समाज के युवा भजनों पर नृत्य करते थी दिखे।

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कल होगा समापन और प्रतिमभाओं का सम्मान :- मप्र मध्यक्षेत्र विश्नोई सभा के सचिव पूनमचंद पंवार ने बताया कि नीमगांव में 8 दिसंबर से अगहन महोत्सव और जाम्भाणी हरिकथा का शुभारंभ किया गया था। कार्यक्रम व कथा का समापन मंगलवार को पांचवें दिन किया जाएगा। इस दौरान सुबह हवन यज्ञ होगा। इसके बाद मंच से भाषण कार्यक्रम होगा, जिसमें समाज के संत समाज सुधार के लिए अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा समाज के पदाधिकारी भी संबोधन देंगे। कार्यक्रम में समाज के मेधावी बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। वहीं रविवार को मंदिर में हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।

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