P.M.L.A. प्रकरणों में इ.डी. के गिरफ्तारी अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

P.M.L.A. प्रकरणों में इ.डी. के गिरफ्तारी अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

high court 1649935149


लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

नई दिल्ली / इंदौर : सुप्रीम कोर्ट की माननीय न्यायमूर्ति श्री ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्यल भुयान की युगल पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले के माध्यम से यह निश्चित है की अगर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के दौरान किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो चार्जशीट प्रस्तुत होने के पश्चात उसको मात्र इसलिए नहीं गिरफ्तार किया जाएगा की कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया जा रहा है एवं उसपर धारा 45 की दुई (दो) शर्ती प्रावधान लागू नहीं होगी। यह फैसला लगभग 15 प्रकरणों में आया, जिनमें चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय के आदेशो के विरुद्ध अभियुक्तगण द्वारा अपीलीय याचिका दायर की गयी थी। मध्य प्रदेश सम्बन्धी प्रकरणों में अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने अभियुक्तगण की पैरवी की।

P.M.L.A. की धारा 45 के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को अगर जमानत प्राप्त करनी है तो उसे दो शर्तों पर न्यायलय को संतुस्ट करना पढ़ेगा प्रथम, की वह मनी लॉन्डरिंग के अपराध में प्रथमतया लिप्त नहीं है और दूसरा की विशेष लोक अभियोजक को बिना सुने जमानत आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकेगा। उच्च न्यायालय ने अपने विस्कृत फैसले के द्वारा यह निर्धारित किया की जांच के बाद धारा 44 में चालान प्रस्तुत करने पर धारा 45 की दुई (दो) शर्तों की बाध्यता नहीं रहेगी एवं ऐसी परिस्थिति में अभियुक्त को तभी गिरफ्तार किया जा सकेगा जब स्वयं विशेष न्यायालय को गिरफ़्तारी कर उससे न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत करने की अव्यश्कता प्रतीत होती है, अन्यथा नहीं।

पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन घोटाले सम्बन्धी मामलों में जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए पूर्वे में कहा था की अभियुक्त द्वारा धारा 45 के अंतर्गत निहित दोनों शर्तों का पालन नहीं किया गया, जिस कारण उनको जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता, इसके विरुद्ध सुको मए अपील दायर हुई, जिसपर 1 मई को न्यायलय द्वारा विस्कृत सुनवाई कर अंतिम फैसले हेतु सुरक्षित रख लिया गया था।

Post Comment

You May Have Missed

Enable Notifications OK .