जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो आम जनता को कड़े कदम उठाना ही पड़ता है, मध्यप्रदेश के पुलिस विभाग के कारनामें रोज सामने आ रहे है । पुलिसकर्मी जहां संगठित डकैती करने पर धरा रहे है वहीं एफआईआर दर्ज करने तक में रिश्वत मांगने से डर नही रहे है । आज सिवनी जिले के केवलारी थाना में तैनात प्रधान आरक्षक मनीष पटवा को जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। मनीष पटवा ने एक शिकायतकर्ता से एफआईआर दर्ज करने के एवज में कुल 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता से पहले 25 हजार रुपये वसूलने के बाद, आज दूसरी किश्त के रूप में 75 हजार रुपये लेते समय लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर अंजूलता पटले के अनुसार नगर परिषद केवलारी ने सीसी रोड तथा नाली निर्माण को ठेका नितिन पाटकर को दिया था। सिविल ठेकेदार नितिन पाटकर ने सिवनी की राय कंस्ट्रक्शन कंपनी को उक्त कार्य सौंपा था। राय कंस्ट्रक्शन के संचालक राहुल राय ने घटित स्तर का कार्य करते हुए सिविल ठेकेदार नितिन के साथ धोखाधड़ी की थी। इस संबंध में उसने केवलारी थाने में शिकायत की थी।
केवलारी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष कुमार पटवा प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने के एवज में ठेकेदार से रिश्वत के रूप में पांच लाख रुपये मांगे थे। प्रधान आरक्षक ने ठेकेदार से रिश्वत के रूप में 25 हजार रुपये लिए थे। इसकी शिकायत पीड़ित ठेकेदार द्वारा लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में की गई थी। सत्यापन करवाने पर शिकायत सही पाई गई। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी प्रधान आरक्षक मनीष पटवा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, आरोपी से पूछताछ जारी है और मामले की गहन जांच की जा रही है।













