किसान को गलत जानकारी देकर सोयाबीन मुआवजा बताने पर भारतीय किसान संघ ने जताई नाराज़गी
मध्यप्रदेश में किसान लगातार हुई बरसात ओर इसके कारण फसलों में लगे रोग के कारण नष्ट हुई फसल को लेकर परेशान है साथ ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे है ऐसे समय में अधिकारी किसानों की सहायता करने की जगह सरकार तक गलत ओर झूठी जानकारी देकर किसान को मिलने वाली सहायता में बाधक बन रहे है । अधिकारियों की इन करतूतों के कारण किसानों में आक्रोश का माहौल बन रहा है । मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा किसान हित में मुआवजा देने की बात कही जा रही है तो अधिकारी केवल सोयाबीन फसल में नुकसान बताकर किसानों के साथ छलावा कर है ओर मक्का जैसी फसलों की खेती करने वाले किसानों को मुआवजा से वंचित करने का पूरा प्रयास कर रहे है जिसके कारण किसानों में तीव्र आक्रोश फैल रहा है।
ऐसे ही पंधाना मे़ भारतीय किसान संघ ने प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत गलत जानकारी पर कड़ा विरोध जताया है। संगठन ने कहा है कि पंधाना तहसील के किसान कन्हैयालाल पिता गंगाराम की वास्तविक फसल क्षति कपास, अरबी एवं मूंगफली की थी, परंतु कलेक्टर सभागृह में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इसे सोयाबीन फसल का नुकसान बताया गया, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है।
जानकारी के अनुसार किसान कन्हैयालाल ने बताया कि उनके खेत के समीप ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित चेक डैम के टूटने से उनकी साढ़े चार एकड़ भूमि में बोई गई कपास, अरबी और मूंगफली की फसल बह गई थी। इस संबंध में उन्होंने तहसीलदार पंधाना को आवेदन देकर मुआवजे की मांग की थी। किसान का कहना है कि उन्होंने चेक डैम बनने के बाद भी खेत की सुरक्षा हेतु लगभग 100 ट्रॉली मुरम डलवाकर बांध को मजबूत करने का प्रयास किया था, किंतु भारी वर्षा से चेक डैम टूट गया और पूरी फसल नष्ट हो गई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कलेक्टर कार्यालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान किसान कन्हैयालाल को 19,500 रुपये का मुआवजा सोयाबीन फसल के नुकसान के रूप में बताया गया। इस पर भारतीय किसान संघ ने आपत्ति जताई है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यह सूचना तथ्यों के विपरीत है और अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष गलत जानकारी प्रस्तुत की गई है।
सोमवार को भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष दिनेश महाजन, जिला प्रतिनिधि भूपेंद्र कुशवाह एवं मीडिया प्रभारी अभिषेक गंगराड़े के नेतृत्व में किसानों का दल कन्हैयालाल के खेत पर पहुंचा। निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि खेत में सोयाबीन की फसल बोई ही नहीं गई थी। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की दिशा में प्रशासन को पारदर्शी और तथ्यात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।
भारतीय किसान संघ ने इस प्रकरण पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए मांग की है कि किसान की वास्तविक फसल क्षति का पुनः सर्वे कराया जाए और वास्तविक नुकसान के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाए।










