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समय सीमा में प्रकरण निराकृत नहीं करने पर 4 तहसीलदार/नायब तहसीलदारों पर लगाई कलेक्टर ने पेनल्टी

डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत इंदौर जिले ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए प्रशासनिक कार्यप्रणाली को पूरी तरह ऑनलाइन करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन में आज सोमवार से जिले के शासकीय कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू कर दी गई है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद से समस्त फाइलों का संचालन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि ई-ऑफिस के माध्यम से न केवल कामकाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि फाइलों के निपटारे की गति भी बढ़ेगी। अब किसी भी फाइल की स्थिति रियल टाइम में जानी जा सकेगी। इससे कार्यालयों में अनावश्यक देरी और कागजी कार्यवाही में लगने वाला समय भी बचेगा। 

ऐसी रहेगी ई-ऑफिस व्यवस्था

आज यहां कलेक्टर श्री सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई समय सीमा के पत्रों के निराकरण (टीएल) की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिव्यांक सिंह, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर. पी. अहिरवार, एडीएम रोशन राय, अपर कलेक्टर निशा डामोर तथा राजेन्द्र रघुवंशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बताया गया कि जिले में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के लिए बीते कुछ महीनों से तैयारी चल रही थी। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण दिया गया। तकनीकी ढांचे को भी मजबूत किया गया है। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिये है कि अब सभी नवीन फाईलें ई-ऑफिस के माध्यम से ही प्रस्तुत की जाये। कोई भी फाईल ऑफलाईन प्रस्तुत नहीं करें। ऑफलाईन फाईल प्रस्तुत करना प्रशासनिक अनियमितता की श्रेणी में माना जायेगा और संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि सभी आवश्यक उपकरण, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट कनेक्टिविटी से लैस कार्यालय अब डिजिटल कामकाज के लिए तैयार हैं।

सभी कार्यालयों को ई-बोर्ड कर दिया गया है। सोमवार से शासकीय कार्यालयों में नयी फाईल ऑनलाईन ही बनेगी। ई-ऑफिस व्यवस्था के तहत पहले चरण में फाइलों की मूवमेंट, नोटशीट तैयार करना, स्वीकृति देना, पत्राचार प्रबंधन और दस्तावेजों का डिजिटल भंडारण जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। आगे चलकर अन्य सेवाओं को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाएगा।

अधिकारियों के विरूद्ध की जायेगी कार्रवाई

बैठक के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों जैसे नामांतरण, बटवारा और सीमांकन के प्रकरणों को निर्धारित समय सीमा में निराकृत किया जाये। इस अवसर पर उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे विभागीय कार्यों के साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज शिकायतों के निराकरण को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का संतोषजनक और सकारात्मक निराकरण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आमजन की समस्याओं का प्रभावी समाधान ही प्रशासन की साख है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि फ़ार्मर रजिस्ट्री से जुड़े प्रकरणों में भी गति लाई जाए। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लंबित कार्यों का समयबद्ध समाधान हो। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी अधिकारी द्वारा लापरवाही या उदासीनता बरती जाती है, तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में बताया गया कि पश्चिमी बायपास के अवार्ड की तैयारी पूरी हो गई है। इंदौर से उज्जैन तक के लिए बनने वाले नये रोड़ के संबंध में भी धारा 11 का प्रकाशन एक सप्ताह में हो जायेगा। उक्त दोनों कार्य होने से उक्त सड़कों का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा।

बसें होगी जप्त

इसी तरह कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि गंगवाल तथा सरवटे बस स्टैण्ड और राजकुमार ब्रिज के पास खड़ी होने वाली यात्री बसों के सुव्यवस्थित पार्किंग के लिए व्यवस्था की गई है। आज से ही निर्धारित स्थानों पर इस क्षेत्र की बसों को पार्क करना होगा। इस क्षेत्र में अव्यवस्थित और बेवजह खड़ी बसें पाये जाने पर बसों को जप्त करने की कार्रवाई की जायेगी।

समय सीमा में प्रकरण निराकृत नहीं करने पर लगाई गई पेनल्टी

कलेक्टर श्री सिंह ने लोक सेवा ग्यारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान प्रकरण समय सीमा में निराकृत नहीं करने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के विरूद्ध पेनल्टी लगाने के निर्देश दिये हैं। जिनके विरूद्ध पेनल्टी लगाई गई उनमें तहसीलदार मल्हारगंज नारायण नांदेड़, तहसीलदार बिचौली बलवीर सिंह राजपूत, तहसीलदार देपालपुर लोकेश आहूजा तथा नायब तहसीलदार खुड़ैल दयाराम निगम शामिल है।

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