भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जिले में तहसील कार्यालय में तहसीलदारों के भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर वकीलों ने मोर्चा खोल दिया है । उज्जैन के महिदपुर तहसील में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अनधिकृत लेनदेन को लेकर अभिभाषक संघ पदाधिकारियों, सदस्यों ने एक आवेदन एसडीएम को सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। संघ पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए बताया तहसील में पदस्थ तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा प्रभारी तहसीलदार झारड़ा द्वारा प्रकरणों में किए जा रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभिभाषक संघ महिदपुर द्वारा कलेक्टर उज्जैन के नाम एसडीएम महिदपुर को आवेदन सौंपा हैं।
अभिभाषक संघ महिदपुर के समस्त सदस्यों ने कहा कि तहसील न्यायालय महिदपुर एवं झारड़ा में बिना लेनदेन कोई काम नहीं होता है। यदि कोई आवेदक या अभिभाषक पैसा नहीं दे पाता है तो उसका प्रकरण गलत तरीके से खारिज कर दिया जाता है। अभिभाषकों ने उक्त संबंध में कठोर कार्रवाई नहीं होने पर शांतिपूर्ण तरीके से सदन से लेकर सड़क तक विरोध प्रदर्शन करने का संकल्प लिया है। उक्त संबंध में कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की।
गौरतलब है कि उक्त स्थिति प्रदेश के अधिकांश कार्यालय में विद्यमान है, आये दिन जनता ओर आम किसान इस बात के आरोप लगाते है । भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्य करने वाली शासन की जिम्मेदार संस्थाएं ऐसे मामलों में मात्र मध्यस्थ बने छोटे कर्मचारीयों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर वाहवाही लूटती है किंतु इसके पीछे वास्तविक जड़ क्या है उनके खिलाफ करवाई नहीं की जाती है । जिससे ऐसे अधिकारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और भ्रष्टाचार लगातार अपने पैर पसार रहा है। सरकार को चाहिए कि इस और ध्यान देकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई करने वाली संस्थाओं को निर्देशित करें कि प्रकरण में वास्तविक रूप से कौन दोषी है उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायें तभी राजस्व कार्यालयों के भ्रष्टाचार पर कुछ लगाम लगेगी ।