दिवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और घर में समृद्धि लाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर पूजा की जाती है, और घर को दीपों से सजाया जाता है। लेकिन, क्या पिछले साल के या पूजा में उपयोग किए गए पुराने मिट्टी के दीपकों को फिर से जलाना उचित है? आइए जानते हैं इस विषय में क्या नियम हैं और दीप जलाने का सही तरीका क्या है। क्या पुराने दीपकों का पुनः उपयोग करना चाहिए?
⚜️मिट्टी के दीपकों का नियम:-
🚩सामान्य पूजा के लिए:- मिट्टी के दीपकों का एक बार उपयोग करना शुभ माना जाता है। पूजा के बाद इन्हें दोबारा नहीं जलाना चाहिए।
🚩दिवाली पर:- दिवाली की पूजा में उपयोग किए गए मिट्टी के दीपकों का पुनः उपयोग अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ये दीपक पूजा के दौरान नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेते हैं।
🚩यम दीपक:- धनतेरस या नरक चतुर्दशी की रात को यमराज के लिए जलाए गए पुराने दीपक को सरसों के तेल के साथ जलाना उचित है। यह परिवार की सुरक्षा के लिए किया जाता है।
⚜️अन्य धातु के दीपकों का नियम
यदि आप पीतल, चांदी या अन्य धातु के दीपकों का उपयोग करते हैं, तो उन्हें अच्छे से साफ करके और अग्नि से पवित्र करके पुनः उपयोग किया जा सकता है। यह शुभ माना जाता है और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी भी दर्शाता है।
⚜️खंडित दीपक का उपयोग न करें
दिवाली या किसी भी पूजा में टूटा हुआ दीपक जलाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से धन की हानि और नकारात्मकता आती है।
⚜️पुराने दीपकों का क्या करें?
🚩विसर्जन: दिवाली के बाद मिट्टी के दीपकों को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें या किसी पवित्र पेड़ के नीचे रखें।
🚩फिर से उपयोग (सजावट):- यदि आप उन्हें विसर्जित नहीं करना चाहते, तो इन्हें घर की सजावट में इस्तेमाल कर सकते हैं।
⚜️ दिवाली पर दीप जलाने के महत्वपूर्ण नियम
🚩दिशा का ध्यान:- दीपक को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर जलाना शुभ होता है। मुख्य द्वार पर दीपक की लौ अंदर की ओर होनी चाहिए।
🚩संख्या:- दीपकों की संख्या विषम होनी चाहिए, जैसे 5, 7, 9, आदि।
🚩पहला दीपक:- पूजा के दौरान सबसे पहले दीपक मंदिर में जलाना चाहिए। घी का दीपक अधिक शुभ माना जाता है।
🚩स्थान:- दीपक को घर के मुख्य द्वार, लिविंग रूम, रसोई, तुलसी के पौधे के पास और छत पर जलाना चाहिए।
🚩एक से दूसरा दीपक न जलाएं:- एक दीपक से दूसरे दीपक को जलाना अशुभ माना जाता है।
🚩दीप को बुझाना नहीं:- पूजा के दौरान दीपक को बुझाना नहीं चाहिए। इसे माता लक्ष्मी का अनादर माना जाता है।













