पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए अपने ओर शौर्य ओर पराक्रम से फिर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया। इस हमले में 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। आतंकी अजहर मसूद का पूरा परिवार हमले में मारा गया है ।
शीर्ष सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत की कार्रवाई में 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए। बुधवार की सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा कई सटीक हमले किए गए। इन हमलों से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी मारे गए। ऑपरेशन सिंदूर नामक सीमा पार की कार्रवाई में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, दो सबसे बड़े हमले जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर और मुरीदके में किए गए। इनमें हर जगह पर अनुमानित 25-30 आतंकवादी मारे गए। मुरीदके में, लक्ष्य मस्जिद वा मरकज तैयबा था, जो लश्कर का मुख्य केंद्र और वैचारिक मुख्यालय है, जिसे लंबे समय से पाकिस्तान की “आतंक नर्सरी” माना जाता है। खुफिया एजेंसियां अभी भी अन्य टारगेट पर हताहतों की संख्या की पुष्टि कर रही हैं। प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि कुल 80 से 90 आतंकवादियों को मार गिराया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम
पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों के हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। सूत्रों के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पुरुषों की आतंकवादियों द्वारा हत्या के बाद, उनकी विधवाओं के दर्द को ध्यान में रखते हुए इस जवाबी कार्रवाई का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया, जो प्रतीकात्मक रूप से उपयुक्त माना गया।
नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में गोलाबारी
इस बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को दर्जनों सीमाई गांवों में गोलाबारी की। इसमें एक महिला और दो बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई और 38 अन्य घायल हो गए।
दुनिया को दिया सबूत
इंडियन आर्म्ड फोर्सेस ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के ठीक 9 घंटे बाद दुनिया के सामने सबूत रखा कि कैसे आतंकवादियों के ठिकानों को चुना गया, कहां ये आतंकी ठिकाने थे और किस तरह उन्हें हिट किया गया। इंडियन आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और इंडियन एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने वीडियो दिखाते हुए आतंकी ठिकानों के बारे में बताया और उन्हें हिट होने से लेकर ध्वस्त होने का वीडियो तक दुनिया के सामने रखा।
आतंकवाद के ये ठिकाने किए तबाह
आतंकी ठिकाना नंबर 1- पीओजेके में सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद
ये लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किलोमीटर दूर है। ये लश्कर ए तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर था। 20 अक्टूबर 2024 सोनमर्ग और 24 अक्टूबर 2024 गुलमर्ग में हुए आतंकी हमले के साथ ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी।
आतंकी ठिकाना नंबर 2- पीओजेके में सेदना बिलाल कैंप
ये आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्द का स्टेजिंग एरिया है। यहां आतंकवादियों को हथियारों, विस्फोटकों और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
आतंकी ठिकाना नंबर 3- पीओजेके में कोटली गुलपुर
ये एलओसी से करीब 30 किलोमीटर दूर था। ये लश्कर ए तैयबा का बेस था। जो रजौरी, पुंछ में सक्रिय था। 20 अप्रैल 2023 और 9 जून 2024 में तीर्थ यात्रियों के बस हमले में शामिल आतंकियों को यहीं से ट्रेंड किया गया था। सूत्रों ने कहा कि जकिउर रहमान जो मुंबई अटैक का मास्टरमांड था वह इस कैंप में लगातार आता रहता था।
आतंकी ठिकाना नंबर 4- पीओजेके बिंबर
ये एलओसी से करीब 9 किलोमीटर दूर है। यहां पर आतंकियों को हथियार चलाने, आईईडी और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
आतंकी ठिकाना नंबर 5- पीओजेके में अब्बास कैंप कोटली
ये एलओसी से 13 किलोमीटटर दूर है। यहां आतंकी संगठन लश्कर का फिदायीन तैयार होता था। इसकी कैपिसिटी 50 टेररिस्ट को ट्रेंड करने की थी।
आतंकी ठिकाना नंबर 6- पाकिस्तान में सरजल कैंप, सियालकोट
ये इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) से 6 किलोमीटर दूर है। सांभा- कठुआ के सामने। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के चार जवानों की हत्या में शामिल आतंकियों को यही ट्रेंड किया गया था।
आतंकी ठिकाना नंबर 7- पाकिस्तान में महमूना जोया कैंप सियालकोट
ये आईबी से 12 किलोमीटर दूर है। ये हिजबुल मुजाहिद्दीन का बड़ा कैंप था। कठुवा, जम्मू में आतंक फैलाने का नियंत्रण केंद्र था। पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुआ हमला भी इसी कैंप से प्लान और डायरेक्ट किया गया था।
आतंकी ठिकाना नंबर 8- पाकिस्तान में मरकज तयिबा मुरीदगे
ये आईबी से करीब 25 किलोमीटर दूर है। लश्कर ए तैयबा का हेडक्वार्टर था। 2008 के मुंबई हमले के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे। अजमल कसब, डेविड हेडली भी यहां ट्रेंड हुए थे। स्ट्राइक का जो वीडियो दिखाया गया, उसमें दिखाई दे रहा है कि यहां एक के बाद एक कुल चार हिट किए गए।
आतंकी ठिकाना नंबर 9- पाकिस्तान में मरकज सुभानअल्ला बहावलपुर
ये आईबी से 100 किलोमीटर दूर है। आतंकी संगठन जैश का मुख्यालय था। यहां आतंकियों की रिक्रूटमेंट, इन डाक्टिरेशन, ट्रेनिंग का केंद्र भी था।
बहुत सतर्कता से चुना वेपन
आर्म्ड फोर्सेस ने कहा कि इस ऑपरेशन के लिए बहुत ही सतर्कता से वॉरहेड (वेपन) चुना गया ताकि एकदम सटीक निशाना लगे और सिविलियंस को कोई नुकसान ना हो। इसमें प्रिसिसन (एकदम सटीक) कैपेबिलिटी और उच्च टेक्नॉलजी वेपन का इस्तेमाल किया गया।
विदेश सचिव ने कहा बेहद जरूरी था ये
विदेश सचिव विक्रम मिस्स्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक पखवाड़े बाद भी पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र या अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई साफ कदम नहीं उठाया। उलटे वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहा है।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकी मॉड्यूल्स पर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं। इसलिए, इन्हें रोकना और इनसे निपटना बेहद आवश्यक समझा गया। भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने और उनका प्रतिरोध करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग किया है। ये कार्रवाई नपी तुली, नॉन एस्केलेटरी, आनुपातिक और जिम्मेदारी पूर्ण है। ये आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को समाप्त करने और भारत में भेजे जाने वाले आतंकवादियों को असक्षम बनाने पर केंद्रित है।
कैसे किया टारगेट का चयन
आर्म्ड फोर्सेस ने कहा कि पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। इसमें रिक्रूटमेंट, इन डॉक्टिरेशन सेंटर (भड़काने और दिमाग में जहर घोलने वाले सेंटर), ट्रेनिंग एरिया, लॉन्च पैड शामिल थे। जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर दोनों में फैले हैं। ऑपरेशन सिंदूर के लिए टारगेट का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंकवादी गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके। ये खास ध्यान दिया गया कि निर्दोष नागरिकों और सिविलियंस इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान ना पहुंचे।