fastag 2 1673078697239 1673268791769 1673268791769

देश में Fastag का नया नियम हुआ लागू, यूजर्स रखें अब ये ध्यान नहीं तो हो ये होगा नुकसान

नई दिल्ली । फास्टैग (FASTag) का नया नियम सोमवार से लागू हो गया है. इसके तहत जिन भी यूजर्स के फास्टैग में लो बैलेंस, भुगतान में देरी या फिर फास्टैग ब्लैकलिस्ट होगा, उन पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा. इस नियम को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य फास्टैग में होने वाली परेशानी के कारण टोल पर लगने वाली गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करना है और यात्रा को सुविधाजनक बनाना है….

नए नियमों के तहत, अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. सिस्टम में इस तरह के पेमेंट को ‘एरर कोड 176″ लिखकर रिजेक्ट कर देगा….

इसके अतिरिक्त, टोल भुगतान को सरल बनाने और विवादों को कम करने के लिए चार्जबैक प्रक्रिया और कूलिंग अवधि के साथ-साथ लेनदेन अस्वीकार नियमों में भी बदलाव किए गए हैं. नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो फास्टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।

अपडेटेड राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) गाइडलाइंस के अनुसार, यदि किसी लेनदेन में देरी होती है और यूजर्स के फास्टैग खाते में लो बैलेंस है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इससे पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे. नए नियम के बाद अब यूजर्स को फास्टैग को पहले रिचार्ज करना होगा।

Scroll to Top