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करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर रिहा, कलेक्टर ने हटाया प्रतिबंध आदेश

हरदा । आज सुबह करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर को जेल से रिहा कर दिया गया है। प्रशासन ने लिखवाया हरदा में कोई आंदोलन या प्रदर्शन में शामिल नही होंगे, इसके बाद कलेक्टर ने कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में होने से जिले में लगाया गया प्रतिबंधात्मक आदेश निरस्त कर दिया गया है।

कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने बताया कि जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। फलस्वरूप, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (पूर्व सीआरपीसी की धारा 144) के तहत एक जगह पर व्यक्तियों के एकत्रित होने पर लगाया गया प्रतिबंधात्मक आदेश निरस्त कर दिया गया है।

इसके अतिरिक्त, कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के उद्देश्य से, 13 जुलाई, 2025 को सड़क मार्ग अवरुद्ध करने वाले व्यक्ति, जिन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 170 के तहत गिरफ्तार किया गया था, अब रिहा किए जा रहे हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला, करणी सेना परिवार क्यों कर रही प्रदर्शन- करणी सेना परिवार के पदाधिकारी आशीष राजपूत से हीरा खरीदने के नाम पर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी। आशीष ने विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया पर केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मोहित को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को पुलिस मोहित को लेकर कोर्ट में चालान पेश करने जा रही थी। इसी दौरान करीब 20- 30 कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और आरोपी सै सांठगांठ कै आरोप लगाकर कर नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ा तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत, आशीष राजपूत समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इसी गिरफ्तारी के खिलाफ कार्यकर्ता रविवार को प्रदर्शन करने जुटे। 

कल प्रदर्शन में हरदा पहुंचे करणी सेना के जीवन सिंह शेरपुर को हरदा पुलिस नै गिरफ्तार कर धरना प्रदर्शन खत्म करवाने वाटर कैनन के साथ आंसू गैस का किया उपयोग किया था। लगभग 60 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था ।

जीवन सिंह शेरपुर ने सभी परिवार के साथियों से की अपील –

मुझे ज्ञात है कि आप सभी साथी वर्तमान हालात से आक्रोशित हैं, लेकिन हमारा संघर्ष आमजन के विरोध में नहीं है। इसलिए मेरा विनम्र आग्रह है कि किसी भी स्थान पर चक्का जाम न करें, रास्ते बाधित न करें। आम नागरिकों को तकलीफ देना हमारे सिद्धांतों के विरुद्ध है।

पुलिस प्रशासन हमें उकसाना चाहता है, हमारी शांतिपूर्ण लड़ाई को उग्र रूप देना चाहता है। लेकिन हम न तो भटकेंगे, न उग्र होंगे। हमारा इतिहास गवाह है करणी सेना परिवार ने कभी अपने आंदोलनों को हिंसक नहीं होने दिया है।हम लोकतांत्रिक मार्ग से लड़ेंगे और जीतेंगे। हमारा संघर्ष संविधान, सम्मान और न्याय के लिए है और यह पूरी गरिमा के साथ जारी रहेगा।

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