भोपाल। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के अंत 31 मार्च तक अपने कर्ज की निर्धारित सीमा तक बाजार से ऋण उठाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछली 4 मार्च को 6 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज बाजार से लिया गया था और अब पुनः एक सप्ताह बाद 11 मार्च को रिजर्व बैंक की मुम्बई शाखा के माध्यम से 4 हजार करोड़ रुपयों का नया कर्ज बाजार से उठाया जायेगा। यह नया कर्ज दो हिस्सों में लिया जायेगा जिसमें पहले कर्ज 2 हजार करोड़ रुपयों का पूर्ण भुगतान 22 साल बाद किया जायेगा जबकि दूसरे 2 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का पूर्ण भुगतान 6 साल बाद किया जायेगा। दोनों ही कर्ज गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर लिया जायेगा जिन पर साल में दो बार ब्याज का भी भुगतान किया जायेगा। इस वित्त वर्ष में अब तक राज्य सरकार 47 हजार करोड़ रुपयों का बाजार से कर्ज ले चुकी है तथा नये 4 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को मिलाकर यह राशि 51 हजार करोड़ रुपये हो जायेगी। राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार चार लाख करोड़ रुपयों से ज्यादा है। नये कर्ज को लेने के लिये भी सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बताई है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से लगातार कर्ज लेने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ताजा कर्ज पर कहा है कि सरकार कर्ज लेकर विकास करने का दावा कर रही है, लेकिन सिर्फ कर्ज का विकास किया जा रहा है। एक तरफ प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। दूसरी ओर सरकार कर्ज का सिर्फ ब्याज के रूप में भारी रकम अदा कर रही है। अगर यही स्थिति रही, तो मध्य प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर नहीं आ पाएगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सरकारी उपक्रम से MOU साइन करवा लिया, लेकिन प्राइवेट सेक्टर का रुझान बहुत कम देखने को मिला। लिहाजा, अपनी नीतियों पर सरकार को फिर से सोचने की जरूरत है।