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हाईकोर्ट ने लगाई नायब तहसीलदार को पटवारी बनाने पर रोक

आगर-मालवा कलेक्टर के आदेश पर नया ट्विस्ट, अब कोर्ट को देना पड़ेंगा जवाब

उज्जैन। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी को डिमोशनट कर वापस पटवारी बनाने के मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट ने इस आदेश पर स्टे ऑर्डर दे दिया है। इससे आगर मालवा कलेक्टर को झटका लगा है, जिन्होंने शासन के निर्देश पर यह आदेश जारी किया था। डिमोटेड किए गए नायब तहसीलदार चन्द्रवंशी ने कलेक्टर राघवैंद्रसिंह के आदेश को हाईकोर्ट में याचिका (6384/2025) प्रस्तुत कर चुनौती दी थी। कोर्ट की मिगल बैंच इंदौर खंडपीठ ने नायब तहसीलदार चंद्रवंशी के डिमोशन पर रोक लगाते हुए मध्यप्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।

न्यायालयीन सूत्रों का कहना है कि कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश जारी किया है। अब इससे मामले में नया मोड़ आ गया है। चंद्रवंशी का दावा है कि उन्होंने हक के लिए आवाज उठाई थी। कोर्ट, गाड़ी और सरकारी घर के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, बदले में डिमोशन की सजा मिल गई। मामले में शासन ने 11 फरवरी को एक आदेश जारी कर चंद्रवंशी को नायब तहसीलदार से पदावनत कर मूल पद पटवारी पर उज्जैन में पदस्थ कर दिया था। इस कार्रवाई के पीछे बताया गया है कि चंद्रवंशी द्वारा चार सौ लोगों के बनाए गए राशन कार्ड मामले में लोकायुक्त ने कलेक्टर आगर मालया को पत्र लिखा था। इसे गंभीरता से लेकर आनन फानन में यह बड़ी कार्रवाई कर दी गई। जबकि चंद्रवंशी ने इसे असत्य बताते हुए कहा है कि जिस व्यक्ति ने शिकायत की है उसके संबंध में हाईकोर्ट ने एसपी आगर को कारवाई का आदेश दे रखा है।

मामला नीमच का, आगर मालवा में कार्रवाई…

अरूण चंद्रवंशी जब नीमच में पदस्थ थे तब से यह मामला चला आ रहा है। उन्हें नायब तहसीलदार तो बना दिया गया था, लेकिन नायब तहसीलदार को दिए जाने वाले अधिकार के तहत कोर्ट नहीं दी, गाड़ी भी नहीं दी और सरकारी घर की सुविधा भी नहीं दी। नीमच जिले में आवास खाली होने पर भी नहीं मिला तो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी जुटाई और इसके आधार पर प्रधानमंत्री को शिकायत कर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस पर कोर्ट ने चंद्रवंशी के पक्ष में निर्णय करते हुए आदेश पारित करने का आदेश दिया था। शासन ने छह माह तक कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी थी। यह याचिका अभी विचाराधीन है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी चंद्रवंशी की शिकायत पर एक पत्र 2020 में मुख्य सचिव को भेजा था। अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन राजेश कुमार कौल ने 10 फरवरी को आदेश जारी कर आगर मालवा कलेक्टर को निर्देश जारी कर चंद्रवंशी को डिमोट करने को कहा था। मामले में उज्जैन संभागायुक्त ने शासन को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा था।

आदेश मिल गया है –

यह सही है कि हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर स्टे ऑर्डर मुझे मिल गया है। इसके आधार पर आगे को प्रक्रिया की जाएगी।-अरुण चंद्रवंशी, नायब तहसीलदार

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