ग्वालियर । हाईकोर्ट की एकल पीठ ने भितरवार के बामरोल हल्के की पटवारी अनीता श्रीवास्तव के निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसडीओ (एसडीएम) को पटवारी को निलंबित करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि भू राजस्व संहिता पटवारी की नियुक्ति का अधिकार नहीं देती है। यह अधिकार कलेक्टर के पास है इसलिए एसडीओ (सब डिवीजन ऑफिसर) को अधिकार नहीं है।
यह है मामला : बामरोल हल्के की पटवारी अनीता श्रीवास्तव ने राजस्व महाभियान के दौरान बटांकन, सीमांकन कार्य में कोई रुचि नहीं दिखाई है। नक्शा तरमीम के 1065 प्रकरण में से 1 प्रकरण का निराकरण किया। राजस्व अभियान की जब समीक्षा की गई तो अनीता श्रीवास्तव की प्रगति नहीं थी। न कार्य में रुचि दिखाई। उक्त गंभीर आरोप लगाकर एसडीओ ने उन्हें 29 अगस्त 2024 को निलंबित किया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए महिला पटवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस अनिल वर्मा ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि विधि अनुसार कलेक्टर को पटवारी को निलंबित करने का अधिकार है। दरअसल, याचिका में बताया गया कि मुख्य रूप से 14 अगस्त को अनुपस्थित रहने के कारण निलंबन की कार्रवाई की गई। आदेश एसडीएम ने निकाला, जबकि ये अधिकार केवल कलेक्टर को है। 29 अगस्त के आदेश में राजस्व महा अभियान 2.0 में रुचि नहीं लेने, आदेश की अवहेलना और भ्रष्टाचार की शिकायतों का भी हवाला दिया गया है। यहां बता दें कि अनीता श्रीवास्तव हल्का पटवारी ग्राम गोहिंदा (तहसील भितरवार) में पदस्थ थी।
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