जबलपुर। जिला प्रशासन की जांच में दोषी पाए गए तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। शुक्रवार को हाई कोर्ट जस्टिस एमएस भट्टी की एकल पीठ ने सभी तकों को सुनने के बाद यह माना कि जो नामांतरण आदेश जारी किया गया है, वह विधिवत नहीं है। क्योंकि नामांतरण से पूर्व आवेदन में शपथ पत्र के अलावा अन्य दस्तावेज विधिवत नहीं लगाए गए। कोर्ट ने इसी आधार पर धुर्वे की जमानत याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि जबलपुर जिले में अधिकारों का दुरुपयोग, षडयंत्र और कूट रचना करने के दोषी पाए जाने पर तत्कालिन तहसीलदार आधारताल, पटवारी, तहसील कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी और प्रकरण में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध विजयनगर थाने में कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर दिनांक 12.09.24 को शिवाली सिंह अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग-अधारताल संभाग जबलपुर द्वारा एक लिखित आवेदन पत्र देकर राजस्व प्रकरण में पदीय अधिकारों का दुरुपयोग कर, सुनियोजित रूप से षड्यंत्र और कूट रचना कर अवैधानिक कार्यवाही करने के लिए तहसीलदार, पटवारी, अन्य कर्मचारियों तथा लाभगृहिता और संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई थी । जिसपर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तहसीलदार को तत्काल गिरफ्तार कर लिया था ।
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