जीएडी ने कहा-जवाब पेश करने में सावधानी बरतें प्रशासनिक अफसर, खुद होंगे जिम्मेदार
भोपाल। शपथपत्र में हाईकोर्ट को गलत जानकारी देने पर मिली फटकार के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को चेताया है कि कोर्ट को गलत जानकारी देने से बाज आएं। ऐसी स्थिति बनने पर अब सरकार संबंधित अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार मानकर कार्रवाई करेगी। दरअसल, पिछले माह हाईकोर्ट में पेश किए गए शपथपत्र में गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी।
जीएडी द्वारा इसको लेकर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और अध्यक्ष राजस्व मंडल को पत्र लिखा है। इसके अलावा सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी निर्देश जारी कर कहा गया है कि कोर्ट के प्रकरणों के मामले में प्रभारी अधिकारी विशेषकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जबाव दावा या शपथपत्र पेश करने में पूरी सावधानी रखी जाए। कोर्ट में पेश किए जाने वाले जवाबदावे या शपथ पत्र में जो भी कंटेंट लिखे जाएं, वह विभाग में मौजूद मूल अभिलेखों से अलग नहीं हो यानी उसी भावार्थ और शब्दावली का हो।
विभाग ने कहा है कि सभी अधिकारियों को यह भी ध्यान रखना है कि सतर्कता पूर्वक बिनी किसी तरह की गलती वाला जवाबदावा या शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया जाए, ताकि शासन का हित सुरक्षित रहे। किसी तरह की अप्रिय स्थिति न बने। इसका पालन अधीनस्थ अधिकारियों से कराने को कहा गया है। गौरतलब है कि इसके पहले भी सरकार ने ऐसे मामलों को लेकर अधिकारियों को सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
इस मामले में लगाई थी हाईकोर्ट ने फटकार :जिस मामले में सरकार को शपथपत्र में गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट से फटकार मिली है, वह सीधी जिले का है। सीधी जिले में सिविल सर्जन की पोस्टिंग को लेकर सीनियरिटी को दरकिनार किया जाकर 10 साल बाद नौकरी में ज्वाइन हुई डा. दीपा रानी इसरानी को सिविल सर्जन बनाया गया था।डॉ. दीपा रानी इसरानी से सीनियर डा. एमबी खरे को सीनियरिटी के मुताबिक पोस्टिंग नहीं मिली थी। रिट पिटीशन के दौरान तत्कालीन अपर मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लापरवाही के चलते शपथ पत्र गलत पेश किया था।
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