मूंग उपार्जन के लिए अनुचित तरीके से पंजीयन करवाने वाले किसानों ओर कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर हुई दर्ज
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
हरदा। जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल किसानों के लिए संपन्नता लेकर आई तो वहीं कुछ लोगों ने इसमें भी भ्रष्टाचार के रास्ते निकाल लिए किंतु जिले के तेज तर्रार कलेक्टर के सामने छुप नहीं पाये । कलेक्टर आदित्य सिंह ने जिले में वर्ष 2024-25 में मूंग उपार्जन के संदिग्ध पंजीयन की जाँच हेतु अनुविभागीय स्तरीय समिति का गठन कर संदिग्ध पंजीयनों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जाच में दोषी पाए जाने पर किसानों ओर कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी है ।
एसडीम हरदा कुमार शानू देवडिया ने बताया कि कलेक्टर श्री आदित्य सिंह के निर्देशों के पालन में मूंग उपार्जन के लिए पंजीयन करवाने वाले किसानों के अभिलेखों की जॉच की गई तो जाँच में अनिल विश्नोई पिता रमेश विश्नोई निवासी ग्राम उडावा, नितिन विश्नोई पिता प्रवीण विश्नोई निवासी ग्राम ठेवा, माधो पुत्र प्रवीण विश्नोई निवासी ग्राम उँचा, अमन आ० अनिल विश्नोई निवासी सामरधा, भूपेश आ० राधामोहन विश्नोई निवासी ग्राम धनगांव, मंजू बाई विश्नोई पति कैलाश विश्नोई निवासी ग्राम धनगांव एवं संदीप पिता कैलाश विश्नोई निवासी ग्राम बूदडा तहसील हंडिया द्वारा सेवा सहकारी समिति, खमलाय के आपरेटर ईश्वर विश्नोई पिता सदासुख विश्नोई निवासी ग्राम मांगरुल एवं पंकज शर्मा पिता दिनेश शर्मा निवासी ग्राम कमलाडा के साथ सोंठ-गाँठ कर स्वंय को लाभ पहुँचाने के उददेश्य से अन्य भूमिस्वामियों की भूमि पर अनुचित तरीके से मूंग फसल उर्पाजन हेतु लगभग 76.624 हेक्टर का पंजीयन कराया जाना पाये जाने से थाना छीपाबड में भारतीय दण्ड संहिता के सुसंगत प्रावधानों के तहत प्राथमिकी रिर्पोट दर्ज कराई गई है तथा उपरोक्त व्यक्तियों एवं सेवा सहकारी समिति, खमलाय के आपरेटर ईश्वर विश्नोई पिता सदासुख विश्नोई निवासी मांगरूल एवं पंकज शर्मा पिता दिनेश शर्मा निवासी कमताडा द्वारा अनुचित तरीके से किये गये पंजीयनों को निरस्त किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अतिरिक्त सेवा सहकारी समिति खमलाय के प्रबंधक ओमप्रकाश विश्नोई के विरुद्ध भी कठोर अनुशानात्मक कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित की गई है।
गौरतलब है कि फसल विक्रय पंजीयन में कुछ सहकारी सोसायटियों मे विगत कई वर्षों से यह खेल चल रहा है जिसको लेकर मिडिया ने भी लगातार आवाज उठाई है किंतु गैरजिम्मेदार अधिकारियों ने ठोस सबूतों को नजर अंदाज कर निर्दोष कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मामले को रफा-दफा कर दिया। पहली बार जिले के कलेक्टर महोदय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वास्तविक षड्यंत्रकारियों पर एफआईआर दर्ज करवा करवाई है । इस कार्य के लिए जिले के कलेक्टर आदित्य सिंह के साथ ही एसडीएम और तहसीलदार भी बधाई के पात्र हैं जो उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कर वास्तविक आरोपियों पर एफ आर आई दर्ज कराई है।
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