भोपाल । मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले में प्राकृतिक आपदा राशि में गंभीर वित्तीय अनियमितता करने व कर्तव्यों का पालन न करने पर कलेक्टर ने तीन पटवारियों को बर्खास्त कर दिया था। उक्त मामले में हाईकोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश पर आगामी सुनवाई तक रोक लगाई है । गौरतलब है कि विगत दिनों कलेक्टर आगर द्वारा आपदा प्रबंधन सहायता राशि में वर्ष 2019 2020, 2021 के मुआवाज वितरण में अनियमितता के दोषी पाकर जिले के तीन पटवारियों को सेवा से पृथक करने के आदेश जारी किए थे जिसे उच्च न्यायालय इंदौर में अधिवक्ता गौरव श्रीवास्तव के माध्यम से चुनौती दी गई थी, उक्त याचिका में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा शासन को नोटिस जारी कर जवाब चाहा है तथा याचिका की आगामी सुनवाई तक सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगाई गई है।
याचिका कर्ता के वकील गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि आपदा प्रबंधन में वर्ष 19,20, 21में शासन द्वारा किसानों को मुवावाजा वितरित किया गया था जिसमे आरबीसी की गाइड लाइन के मुताबिक बटाईदारों को किसानों की सहमति से मुआवजा दिया गया था, किंतु राज्य शासन के ऑडिट आपत्ति के बाद कलेक्टर आगर ने जांच बेठाई थी जिसमे किसानों ने राशि के वितरण को उनकी सहमति से किया जाना बताया था किंतु फिर भी कलेक्टर आगर द्वारा जिले के 28 पटवारियों को दोषी ठहराया गया था और राशि 18% ब्याज सहित शासन के खाते में जमा करने के निर्देश दिए थे किंतु केवल तीन पटवारियों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिये है । जो कि प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के प्रतिकूल है । फरियादियों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए । उक्त मामले में हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब चाहा है तथा याचिका की आगामी सुनवाई तक सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगाई गई है।
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