न्यायाधीश को लूट कर मारपीट करने वाले व्यापारी को न्यायालय ने दी जमानत

न्यायाधीश को लूट कर मारपीट करने वाले व्यापारी को न्यायालय ने दी जमानत

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लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

इन्दौर । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इन्दौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने जिला जज के साथ हुई मारपीट और लूट के मामले में सुनवाई करते मामले में लूट की घटना से इंकार कर मामले को सामान्य मारपीट का मानते आरोपी व्यापारी को जमानत दे दी। जिला एवं सेशन कोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद जज से मारपीट और लूट के आरोपी व्यापारी शैलेंद्र नागर ने अधिवक्ता मनीष यादव एवं अधिवक्ता करण बैरागी के माध्यम से हाई कोर्ट इंदौर में जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका पर हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ में न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद जिला कोर्ट इंदौर में पदस्थ एक न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) के साथ हुई घटना के आरोपी व्यापारी शैलेंद्र नागर को इस आधार पर जमानत दी कि जज के साथ कोई लूट नही हुई। मामला सामान्य मारपीट का ही था।

याचिका सुनवाई के दौरान आरोपी के अधिवक्ता मनीष यादव व अधिवक्ता बैरागी ने तर्क रखते हुए कोर्ट सुनवाई कहा कि जज ने सामान्य मारपीट की घटना को लूट का रुप दे दिया। इसके प्रमाण स्वरूप अधिवक्ता यादव ने घटनास्थल का डेढ़ मिनट का एक सीसीटीवी फुटेज भी न्यायालय को दिखाते व हुए कहा कि कट मारने की बात पर एक्टिवा स्कूटर सवार फरियादी न्यायिक मजिस्ट्रेट पीछे से आए और व कार सवार आरोपी व्यापारी को कार से बाहर निकलवा कर विवाद करने लगे। इस दौरान दोनों में हाथापाई हुई। किसी प्रकार की लूट नहीं हुई। घटना आरोपी व्यापारी की किराने की दुकान के ठीक सामने की है। अधिवक्ता मनीष यादव ने सवाल भी उठाया कि कार में बैठा व्यापारी लूट कैसे कर सकता है। अधिवक्ता यादव ने कोर्ट को यह भी कहा कि फरियादी जज ने अपने पद के प्रभाव का उपयोग करते हुए पुलिस पर दबाव बना कर सामान्य मारपीट की घटना को लूट बताकर प्रकरण दर्ज कराया। अधिवक्ता मनीष यादव के तर्कों से सहमत होकर न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने जिला जज के साथ हुई मारपीट और लूट के मामले में लूट की घटना से इंकार करते मामले को सामान्य मारपीट का मानते आरोपी व्यापारी शैलेंद्र नागर को जमानत दे दी। आरोपी के अधिवक्ताओं के अनुसार प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि गत जुलाई में जिला कोर्ट इंदौर में पदस्थ एक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने रात 1 बजे अपने एक अन्य साथी जज के साथ कनाडिया थाने पर जाकर किराना व्यापारी शैलेंद्र नागर के विरुद्ध लूट एवं मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर व्यापारी को गिरफ्तार किया था। आरोपी व्यापारी को दो दिन की रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया था। सेशन कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ हुई लूट और मारपीट की घटना को गंभीर मानते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया था। इस पर हाई कोर्ट इंदौर में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया जहां व्यापारी शैलेंद्र नागर की जमानत पर हुई । साभार – ईएमएस

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