नर्मदापुरम जिले की पांच तहसीलों में 8 पटवारी निलंबित
पटवारी संघ पदाधिकारियों को शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किये जाने एवं राज्य शासन की नीतियों एवं निर्देशों को विफल करने के कृत्य को देखते हुए सेवा समाप्ति हेतु एससीएन जारी
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
नर्मदापुरम। पटवारियों की एसडीएम हटाने की मांग पर जिला प्रशासन सख्त होकर दमनात्मक कार्रवाई पर उतर आया है । पटवारियों के आंदोलन को दबाने के लिए जिला प्रशासन ने राजस्व महाअभियान के कार्यों को आधार बनाने हुए विभिन्न तहसील के 8पटवारियों को निलंबित कर दिया है । हालांकि निलंबन आदेश में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, स्वामित्व के कार्य, नक्शे में तरमीम, समग्र ई-केवायसी, समग्र से खसरे की लिंकिंग, प्रकरणों में समयसीमा में प्रतिवेदन प्रस्तुत करना तथा सीएम हेल्पलाईन एवं जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों का निराकरण समयसीमा में नहीं करने तथा पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते को आधार बनाने हुए अनुविभागीय अधिकारियों के द्वारा अपने अपने अनुभाग के 08 पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
इस संबंध में कलेक्टर नर्मदा पुरम द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी गई है। जिसमें अनुभाग इटारसी में पदस्थ पटवारी श्रीमती शीतल बड़कुर एवं सुश्री प्रांजुल पटैल को निलंबित किया गया है। अनुभाग नर्मदापुरम की डोलरिया तहसील में पदस्थ पटवारी श्री सुजीत नरें एवं तहसील माखननगर में पदस्थ पटवारी श्री योगेन्द्र पवार को निलंबित किया गया है। अनुभाग सोहागपुर में पदस्थ पटवारी श्री अरुण भदौरिया एवं श्री हरीश तोमर को निलंबित किया गया है। इसी तरह से अनुभाग सिवनी मालवा में पदस्थ पटवारी श्री अजय सोलंकी एवं श्री पवन तामकार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा सभी तहसीलों के पटवारी संघ पदाधिकारियों को शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किये जाने एवं राज्य शासन की नीतियों एवं निर्देशों को विफल करने के कृत्य को देखते हुए सेवा समाप्ति हेतु कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किए गए है।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन का यह कदम कितना असर करता है । पटवारी संघ के पदाधिकारी भि आर-पार कि लड़ाई कै मुड़ में दिख रहे है ओर मामले को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन कि रूपरेखा बनाने में जुट गये है ।
यह है पटवारियों के आंदोलन का कारण : पिपरिया तहसील में पदस्थ पटवारी प्रवीण मेहरा की पेशी के बाद गत बुधवार को हृदयघात से मौत से मृत्यु हो गई थी । पटवारी संघ ने पिपरिया एसडीएम संतोष तिवारी पर दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर सोनिया मीना को ज्ञापन देकर पिपरिया एसडीएम को तत्काल हटाने की मांग रखि थि। जानकारी के अनुसार न्यायालय तहसीलदार द्वारा किए गए आदेश में अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश व जांच करने वाले न्यायालय में बयान लेने वाले आवेदक से लेकर आदेश तक की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी-कर्मचारियों को छोड़कर केवल पटवारी पर एफआईआर कराई, जबकि कोई भी मामले में पटवारी वस्तुस्थिति का स्थानीय पूछताछ के आधार पर प्रतिवेदक होता है न कि निर्णायक और न ही जांचकर्ता, यदि स्थानीय लोगों द्वारा गलत जानकारी दी जाती है तो पटवारी के पास ऐसा कोई यंत्र या पैमाना नहीं कि वो झूठ पकड़ सके । कर्तव्य निर्वाहन के दौरान स्थानीय स्तर पर प्राप्त गलत जानकारी के लिए पटवारी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है।
मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने कहा कि न्यायालय को समुचित जांच कर आदेश करना चाहिए। पटवारी पर एफआइआर कराना यह प्रदर्शित करता है कि पटवारी को प्रताडित करने के लिए यह काम नियमों को ताक पर रखकर किया गया है, साथ ही जो न्यायालय पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर आदेश कर रहे हैं, और अंत में गलत आदेश पारित होने पर पटवारी की जवाबदेही लिखकर आदेश कर रहे हैं, उसे बंद कराया जाए, साथ ही मृतक की पत्नी को शीघ्र अनुकंपा नियुक्ति जाए।
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