राजस्व महाभियान 2.0 में प्रोगेस दिखाने नियमविरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी पशोपेश में, क्या होगा भविष्य में…?
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ अभियान चलाकर दबावपूर्वक अधिकारियों ओर कर्मचारियों से काम करवाया जाता है वहीं गलती होने पर सेवानिवृत्त होने के बाद भी दंडित कर प्रताड़ित किया जाता है इसका उदाहरण आज अनियमितताओं को बता कर दो सेवानिवृत्त तहसीलदारों की पेंशन रोकने के आदेश विभागीय मंत्री ने दिये है।
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि अनियमितताएँ करने पर 2 सेवानिवृत्त तहसीलदारों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए पेंशन रोकने के आदेश दिये गये हैं। जिन सेवानिवृत्त तहसीलदारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। इनमें एस.एस. दोहरे ने तहसीलदार अंबाह जिला मुरैना में पदस्थापना के दौरान अपात्र व्यक्तियों को बिना व्यपवर्तन के भूमि आवंटन कर अनियमितता की थी। अनियमितता जांच में प्रमाणित होने पर श्री दोहरे की 25 प्रतिशत पेंशन 5 वर्ष के लिये रोकने की कार्रवाई की गई। दूसरे प्रकरण में वीरेन्द्र कुमार सोनी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख एवं तत्कालीन प्रभारी नायब तहसीलदार नईगढ़ी रीवा के विरूद्ध कार्रवाई की गई। श्री सोनी ने पाला तुषार से रवी फसलों की क्षति के मुआवजा वितरण में अनियमितता की थी। अनियमितता विभागीय जांच में प्रमाणित पाये जाने पर श्री सोनी विरूद्ध की गई कार्रवाई में 5 प्रतिशत पेंशन 2 वर्षों के लिये रोकने के आदेश दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राजस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा अनुसार राजस्व महाभियान 2.0 चलाया जा रहा है, उक्त अभियान में भी अधिकारियों द्वारा दबाव डालकर नक्शा तरमीम जैसा महत्वपूर्ण कार्य भू राजस्व संहिता के प्रावधानों के विपरीत करवाया जा रहा है जो कि आने वाले समय में पूरे मध्यप्रदेश के लिए एक गंभीर समस्या ओर किसानों के आपसी विवाद का कारण बनेगा किंतु दबाव के चलते आज जो तहसीलदार ओर एसडीएम बोल नहीं रहे है भविष्य में ये भी ऐसे ही प्रताड़ित होंगे ।
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